चीन से उत्पन्न खतरे से निपटने के लिए सियांग नदी पर बनाया जाएगा बड़ा पुल
ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि भारत सरकार ने प्रदेश की सीमा से लगे तिब्बत क्षेत्र में सियांग नदी पर बने चीन के बांध से उत्पन्न होने वाले संभावित खतरों से से निपटने के लिए एक बड़े पुल के निर्माण का प्रस्ताव दिया है।
सदन में शून्य काल के दौरान कांग्रेस सदस्य लोम्बो तायेंग पूछे गए सवाल के जवाब में खांडू ने कहा, “चीनी सरकार की 14वीं पंचवर्षीय योजना के अनुसार उसने तिब्बत क्षेत्र में लगभग 60,000 मेगावाट की बांध बांध परियोजनाएं बनाने का फैसला किया है। जहां से सियांग नदी निकलती है।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने चीन बांध परियोजना पूरी होने पर सियांग नदी की स्थिति को लेकर चिंता जताई है।
यदि वे जल प्रवाह को मोड़ते हैं, तो सियांग का आयाम कम हो जाएगा, या यदि पानी बड़ी मात्रा में आता है, तो यह सियांग घाटी और असम और बंगलादेश के निचले इलाकों में बड़े पैमाने पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न करेगा। उन्होंने कहा कि इन खतरों से निपटने के लिए सरकारी स्तर पर और ब्रह्मपुत्र बोर्ड के साथ काफी विचार-विमर्श किया गया।
उन्होंने कहा, “चीन द्वारा जल प्रवाह को मोड़ने की स्थिति में हमें सियांग को जीवित रखना होगा, या अत्यधिक पानी छोड़े जाने की स्थिति में हमें बाढ़ से खुद को बचाने के लिए बड़ी संरचनाओं की आवश्यकता होगी। इसे ध्यान में रखते हुए हमें दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ काम करना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से कल सियांग घाटी का दौरा करेंगे और ग्रामीणों से सहयोग करने तथा सर्वेक्षण और जांच कार्य की अनुमति देने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने कहा, “एक बार यह पूरा हो जाए, तो केंद्र सरकार ही हमें इस मामले पर स्पष्ट तस्वीर दे सकती है।” उन्होंने कहा, “यह (चीन बांध खतरा) एक गंभीर मामला है, मैं सियांग बेल्ट के सभी सदस्यों से इस मामले पर गंभीरता से विचार करने की अपील करना चाहूंगा।”
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