बरेली: धोखा, शहर की बिजली भी नहीं पर सात रुपये यूनिट का भुगतान कर रहे ग्रामीण

बिजली विभाग के अधिकारियों की मनमानी से ग्रामीण परेशान, बिल शहर का वसूलना शुरू कर दिया, बिजली गांव की दे रहे

बरेली: धोखा, शहर की बिजली भी नहीं पर सात रुपये यूनिट का भुगतान कर रहे ग्रामीण

बरेली, अमृत विचार : नगर निगम की सीमा में आने वाले कई गांव के लोगों के साथ धोखा हो रहा है। उनसे शहर का बिजली बिल तो वसूला जा रहा है लेकिन बिजली ग्रामीण क्षेत्र की ही मिल रही है। इससे हजारों लोग परेशान हैं। सबसे अधिक परेशानी पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार के गांव ट्यूलिया के रहने वाले ग्रामीणों को हो रही है। उन्होंने मामले की शिकायत भी अधिकारियों से की है।

नगर निगम की सीमा में आने के बाद भी दर्जनों गांव को ग्रामीण क्षेत्र से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। पिछले दिनों नगरीय निकाय के तहत नगर निगम की सीमा में आने वाले गांव को भी शहरी क्षेत्र की बिजली देने का खाका तैयार किया गया।

जिसमें वार्ड नंबर 27 के बंडिया और खना गौटिया में शहरी क्षेत्र की बिजली सप्लाई कर दी गई लेकिन वार्ड नंबर 27 में ही आने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार के गांव टयूलिया में शहरी क्षेत्र की बिजली सप्लाई को शुरू नहीं किया गया।

इसके अलावा सनईया धन सिंह और बेनीपुर चौधरी गांव को भी नगर निगम की सीमा में होने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र की बिजली आपूर्ति दी जा रही है। जबकि एक महीने से गांव के लोगों से शहरी दर के हिसाब से 7 रुपये यूनिट के हिसाब से बिजली का बिल वसूला जा रहा है।

उपभोक्ताओं की सुनिए:-

गांव में कुल 15 से 17 घंटे लाइट आती है। बिल गांव वालों को शहर की दर के हिसाब से देना पड़ रहा है। कोई शिकायत 1912 पर करो तो खुद ही उसका निस्तारण हो जाता है। मीटर रीडर प्रत्येक महीने आता नहीं है।- प्रेम पाल गंगवार, टयूलिया

कागजों में गांव की बिजली को 24 घंटे कर दिया गया है। उसी के हिसाब से विद्युत विभाग ने यूनिट दर बढ़ा दी हैं, लेकिन गांव में जो बिजली आती है वह 15 से 17 घंटे ही आती है। बिजली का अतिरिक्त भार गांव के लोगों के ऊपर पड़ रहा है।-विनोद कुमार, टयूलिया

विद्युत विभाग ने बिजली के नाम पर गांव में लूट मचा रखी है। 24 घंटे के नाम पर यूनिट दर बढ़ा दी गई है लेकिन धरातल पर बिजली 15 घंटे की ही है। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।- निरपेन्द्र गंगवार, टयूलिया

इस तरह का कोई मामला संज्ञान में नहीं है। अगर गांव की बिजली मिलने पर शहर का बिल लिया जा रहा है तो मामले की जांच कराकर समस्या का समाधान कराया जाएगा।=अशोक कुमार चौरसिया, अधीक्षण अभियंता ग्रामीण

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