लखनऊ: खुद को एडीजीपी व विधायक बताकर किसानों का ठग रहे थे रियल एस्टेट कारोबारी, गिरफ्तार

लखनऊ: खुद को एडीजीपी व विधायक बताकर किसानों का ठग रहे थे रियल एस्टेट कारोबारी, गिरफ्तार

लखनऊ, अमृत विचार। खुद को यूपी पुलिस का एडीजी अधिकारी और विधायक बताकर बुजुर्ग किसानों से जमीन खरोद-फरोख्त के नाम पर जालसाजी करने वाले दो रियल एस्टेट कारोबारी बंधुओं को चिनहट पुलिस व क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। अहिमामऊ गिरफ्तार दोनों जालसाज भाई मूलरूप से सुल्तानपुर जिले के चांदा थानांतर्गत पसयीपुर गांव के रहने वाले हैं।

इनमें बड़ा भाई रविन्द्र कुमार (34) व छोटा भाई शैलेंद्र कुमार (31) शामिल हैं। दोनों पिछले काफी समय से आशियाना थानांतर्गत रजनीखंड स्थित आम्रपाली विहार में किराये के मकान में रह रहे थे। पुलिस ने दोनों के पास से दो कारें, 80 हजार रुपये नगद, भारी संख्या में नकली नोट (चिल्ड्रेन बैंक वाली), जाली दस्तावेज, आईडी कार्ड आदि बरामद किये हैं।

डीसीपी पूर्वी हृदयेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2019 में आरोपियों के खिलाफ चिनहट थाने में धोखाधड़ी की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद से दोनों आरोपी फरार थे। दोनों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया गया था। बुधवार को मुखबिर से सूचना मिलने पर अहिमामऊ पुल के पास दोनों आरोपियों को उनकी कार समेत गिरफ्तार किया गया।

छोटा भाई विधायक तो बड़ा खुद को बताता था एडीजी जोन लखनऊ
डीसीपी पूर्वी ने बताया कि रविन्द्र खुद को भाजपा का विधायक बताता था। उसने अपनी फॉर्च्यूनर कार पर पीछे विधायक लिखवा रखा था और आगे भाजपा पार्टी का झंडा लगा हुआ था। वहीं छोटा भाई शैलेंद्र कुमार खुद को एडीजी लखनऊ जोन बताता था। शैलेंद्र ने अपनी इनोवा कार में आगे पुलिस लिखवा रखा था। दोनों कारें बरामद कर ली गई हैं।

बहरूपिये ऐसे कि पुलिस भी चकमा खा जाए, लखनऊ पुलिस के सीक्वेंस नम्बर का सीयूजी तक
दोनों सगे भाई ऐसे प्रोफेश्नल बहरूपिये थे कि आम आदमी क्या, खुद पुलिस भी उन्हें देखकर चकमा खा जाए। दरअसल शेलेंद्र ने कार पर नीली बत्ती लगा रखी थी। जिससे पुलिस ने एक पी-कैप, एक बैरक कैप के अलावा डीजी कार्यालय के जाली दस्तावेज, पुलिस के कई जाली दस्तावेज, हाईकोर्ट के जाली दस्तावेज बरामद किये।

सिर्फ इतना ही नहीं शैलेंद्र की कार में दो वॉकी-टॉकी व आईडी कार्ड का बंडल भी मिले। साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक सतीश साहू ने बताया कि शैलेंद्र ने सोशल मीडिया पर पुलिस वर्दी में अपनी प्रोफाइल फोटो लगा रखी है। शैलेंद्र ने लखनऊ पुलिस के सीक्वेंस का सीयूजी मोबाइल नंबर तक ले रखा था, जिसपर कॉल करने पर ट्रू कॉलर आईडी पर एडीजी जोन लखनऊ शो करता था।

जमीन खरीदकर नहीं की पेमेंट, जाली चेक थमाए

डीसीपी पूर्वी ने बताया कि रविन्द्र और शैलेंद्र रियल स्टेट का कारोबार करते हैं। नवंबर 2016 को चिनहट थानांतर्गत क्रिस्टल व्यू अपार्टमेंट निवासी सिराज अहमद ने सुरेंद्र पाठक, रविंद्र कुमार और छोटे लाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि सुरेंद्र और रविंद्र ने सुल्तानपुर के आसपास के किसानों की जमीन उनको एक करोड़ रुपये में बेची थी। जिसमें सिर्फ जमीन के एक टुकड़े का बैनामा कराया गया, बाकी का नही। जब सिराज अहमद ने रुपये वापस मांगे तो आरोपियों ने पांच चेक थमा दिया, पर सभी पांचो चेक बाउंस हो गये। पैसे वापस करने का दबाव डालने पर आरोपियों ने करीब एक करोड़ के बदले सिर्फ दो लाख रुपये वापस किया, शेष पैसे लौटाने से इनकार कर दिया।

किसानों को चूरन वाली नोट थमा कर लिखवा लेते थे जमीन
चिनहट थाना प्रभारी बृजेश तिवारी ने बताया कि रविंद्र और शैलेंद्र अपनी कार में चिल्ड्रेन बैंक वाली नोटें रखते थे। जिनपर भारतीय रिवर्स बैंक लिखा रहता था। आरोपी गरीब अनपढ़ किसानों को यही चिल्ड्रेन बैंक वाली नोटें थमा कर उनकी जमीनें अपने नाम लिखवा लेते थे। आरोपियों की कार से भारतीय रिवर्स बैंक (चिल्ड्रेन बैंक वाली) 2 हजार रुपये के नोटों की कुल 33 गड्डियां भी बरामद की गई हैं। आरोपियों के शेष आपराधिक रिकॉर्ड का पता लगाया जा रहा है।

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