लखनऊ : भारतीय अगंदान दिवस पर बोले डॉ.हर्षवर्धन, कहा- एक व्यक्ति के अंगदान से 8 लोगों की बच सकती है जान
लखनऊ, अमृत विचार। अंगदान को लेकर लोगों में जागरूकता लाने के लिए गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। अंग और ऊतक दान पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (यूपी), एसजीपीजीआई स्थित अस्पताल प्रशासन विभाग और लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधन में किया गया।
13वें भारतीय अगंदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (यूपी) के संयुक्त निदेशक और एसजीपीजीआई स्थित अस्पताल प्रशासन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.राजेश हर्षवर्धन ने छात्रों,शिक्षकों और पूर्व छात्रों को संबोधित करते हुये कहा कि अंगदान एक नेक कार्य है और इस कार्य में आपका योगदान अहम हो सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि अनुसंधान और नवाचार के रास्ते तलाशकर लखनऊ विश्वविद्यालय और एसजीपीजीआई के बीच संबंधों के विस्तार का दायरा आने वाले समय में और गहरा हो सकता है।
प्रो. राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि अंग और ऊतक दान के क्षेत्र में चिकित्सा विज्ञान में निरंतर प्रगति के साथ अब यह स्थापित हो गया है कि एक व्यक्ति के अंगदान से 8 लोगों की जान बच सकती है और ऊतक दान से लगभग 75 व्यक्तियों के जीवन में सुधार होता है। इसके साथ ही अंग दाताओं की कमी के कारण प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले मरीजों की प्रतीक्षा सूची में भी वृद्धि हुई है।
इस अवसर पर एसजीपीजीआई के प्रो.राज कुमार ने बताया कि देश में हर मिनट एक सड़क दुर्घटना होती है, सड़क दुर्घटना में घायल 70 प्रतिशत लोगों के सिर में चोट लगती है। ऐसे में सुरक्षित यात्रा जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने कार्डियक और ब्रेनस्टेम डेथ की जानकारी भी साझा की।
केजीएमयू के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अभिजीत चंद्रा ने ब्रेनस्टेम डेथ डिक्लेरेशन की सफलता के बारे में विचार रखें साथ ही कोविड के समय भी केजीएमयू में हुये लिवर प्रत्यारोपण की जानकारी साझा की ।
एसजीपीजीआई स्थित नेफ्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. नारायण प्रसाद ने अंग और ऊतक दान की जरूरत के बारे में जानकारी साझा करते हुये कहा कि मौजूदा समय में अंगदान के प्रति लोगों को जागरुक होना चाहिए। जिससे कई लोगों की जिंदगियों को बचाया जा सकता है।
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