पहाड़ी जिलों की एसओजी काम में फुस्स, मैदान वाली थोड़ा चुस्त
कुमाऊं के 6 जिलों की एसओजी से आईजी ने लिया साल के 7 माह के हिसाब-किताब
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सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। कुमाऊं के 6 जिलों में काम कर रही जिलों की एसओजी से आईजी डॉ.निलेश आनंद भरणे ने गुजरे 7 माह का हिसाब-किताब मांगा तो हर जिले की एसओजी पर सवाल खड़े हुए। सवाल ये कि जिस जिले में अफीम की सबसे ज्यादा खपत है, उसी ऊधमसिंहनगर (यूडीएन) जिले की एसओजी आधा ग्राम अफीम तक नहीं पकड़ी। हालांकि आईजी के कॉलम भरने में इस जिले की एसओजी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। बावजूद इसके नैनीताल जिले की एसओजी कई अहम कॉलम भरने में कामयाब रही।
यादाश्त पर जोर डालें तो कुछ माह पहले ही ऊधमसिंहनगर जिले में अफीम की अवैध खेती का भंडाफोड़ हुआ था। इससे यह साबित होता है कि ऊधमसिंहनगर जिले में अफीम की बेहद डिमांड है, लेकिन हर तरह का नशा पकड़ने वाली ऊधमसिंहनगर की एसओजी रत्ती भर अफीम नहीं पकड़ पाई।
यहां स्मैक की खपत भी खूब है और कुमाऊं के अन्य जिलों के तस्कर या तो स्मैक ऊधमसिंहनगर से खरीदते हैं या फिर बरेली से। बावजूद इसके यूडीएन की एसओजी ने पिछले 7 माह में सिर्फ 313 ग्राम स्मैक और 1.350 ग्राम चरस बरामद की। अफीम सिंह अल्मोड़ा ने पकड़ी।
पहाड़ पर चरस का बड़ा कारोबार है और यहां बनने वाली चरस कई राज्यों तक सप्लाई होती है। अब अगर नैनीताल एसओजी की बात करें तो गुजरे 7 माह में उसने 1.286 किग्रा स्मैक और 3.980 किग्रा चरस बरामद की है। अब अगर पुलिस की मानें तो वो नशा तस्करी का सिर्फ 20 प्रतिशत ही बरामद कर पाते हैं। ऐसे में इन दो मामलों में अन्य जिलों की एसओजी से बेहतर होने के बावजूद नैनीताल एसओजी का काम नाकाफी है। गुजरे 7 माह में ऊधमसिंहनगर जिले की एसओजी को छोड़ दें तो नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चम्पावत जिले की एसओजी ने न तो नशीले इंजेक्शन पकड़े, न ही कैप्सूल और न ही नकली करेंसी।
सभी जिलों की एसओजी के काम का आंकलन किया गया है। एसओजी प्रभारियों को और बेहतर काम करने के लिए कहा गया है और स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी गई है कि काम करने वालों को एसओजी में जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।
डॉ.निलेश आनंद भरणें, आईजी कुमाऊं
आंकड़ों में कुमाऊं के 6 जिलों की एसओजी का काम
जिला स्मैक चरस गांजा इंजेक्शन कैप्सूल नकली करेंसी अफीम
ऊधमसिंहनगर 313.96 ग्राम 1.350 किग्रा 58.400 किग्रा 519 11534 2208,500 0
नैनतील 1.286 किग्रा 3.980 किग्रा 0 0 0 0 0
अल्मोड़ा 226.9 ग्राम 2.717 किग्रा 170.67 किग्रा 0 0 0 2.3 किग्रा
बागेश्वर 23.54 ग्राम 4.6 किग्रा 0 0 0 0 0
पिथौरागढ़ 106.22 ग्राम 6.578 किग्रा 0 0 0 0 0
चम्पावत 66 ग्रा 90 मिग्रा 7.418 किग्रा 0 0 0 0 0
केवल नैनीताल और अल्मोड़ा ने पकड़ी तेंदुए की खाल
हल्द्वानी : एसओजी पर हर तरह का अपराध रोकने की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में 6 जिलों की एसओजी में सिर्फ नैनीताल और अल्मोड़ी की एसओजी ने ही पुलिस के कार्यक्षेत्र से बाहर निकल कर काम किया। इस साल जनवरी से लेकर जुलाई तक नैनीताल और अल्मोड़ा एसओजी ने 1-1 तेंदुए की खाल बरामद की। बल्कि नैनीताल पुलिस ने एक कदम आगे बढ़ते हुए उच्च हिमालयी क्षेत्र में पाया जाने वाला 776 ग्राम यारसागंबू भी बरामद किया।
गुमशुदा की तलाश में ऊधमसिंहनगर जीरो, नैनीताल हीरो
जिला बरामद गुमशुदा
नैनीताल 80
ऊधमसिंहनगर 0
अल्मोड़ा 21
बागेश्वर 10
चम्पावत 49
पिथौरागढ़ 23
चम्पावत में हैं सट्टे के सबसे बड़े शौकीन सटोरिये
हल्द्वानी : सभी जिलों में सिर्फ चम्पावत ही ऐसा है, जिसने सट्टेबाजों से सबसे ज्यादा रकम बरामद की है। चम्पावत की एसओजी ने 5 लाख 5 हजार रुपये बरामद किए हैं। जबकि नैनीताल ने जुए और सट्टे से 3 लाख 9 हजार रुपये, ऊधमसिंहनगर ने 4 लाख 39 हजार रुपये और पिथौरागढ़ ने 41 हजार 790 रुपये बरामद किए। वहीं अल्मोड़ा, चम्पावत और बागेश्वर एसओजी की कार्रवाई से लगता है कि ये जिले जुए और सट्टे से मुक्त हैं।