बरेली: कुत्तों में भी बढ़ रही किडनी की बीमारी, दिखें ये लक्षण तो तुरंत कराएं जांच
आईवीआरआई की डायलिसिस यूनिट में हर हफ्ते पहुंच रहे 8-10 मामले
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बरेली, अमृत विचार। कुत्ते में सुस्ती, कमजोरी दिखे, थोड़ी दूर चलने के बाद वह बैठ जाए, उल्टियां करें या फिर बेचैन दिखे तो तत्काल किसी पशु चिकित्सक से उसकी जांच कराएं। हो सकता है कि आपका कुत्ता किडनी की बीमारी का शिकार हो। खराब खानपान, प्रदूषण और संक्रमण से जानवर भी किडनी की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
आईवीआरआई के रेफरल वेटनरी पॉलीक्लिनिक में किडनी की समस्या सबसे ज्यादा कुत्तों में देखने को मिल रही है। आंकड़ों के मुताबिक आरवीसी क्लिनिक में किडनी की बीमारी के 10-12 मामले हर हफ्ते आते हैं, इनमें से सात-आठ मामले कुत्तों के होते हैं। उन्हें डायलिसिस यूनिट में उपचरित किया जा रहा है।
शल्य चिकित्सा विभागाध्यक्ष व रेफरल वेटनरी पॉली क्लिनिक के प्रभारी डॉ. अमरपाल ने बताया कि कुत्तों में किडनी फेल्योर के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इसके पीछे बड़ी वजह आराम, फास्ट फूड और विषाक्त खाना है। हर साल किडनी की बीमारी के शिकार 400 कुत्तों का आईवीआरआई में इलाज किया जाता है। इसके मुख्य कारण मूत्र संक्रमण, चोट लगना, गंभीर निर्जलीकरण और हीटस्ट्रोक हैं।
उन्होंने बताया कि कुत्तों में यह बीमारी जेनेटिक होती है। कुत्तों में क्रोनिक किडनी रोग का कोई इलाज नहीं है पर ऐसे उपचार के विकल्प हैं, जो बीमारी का प्रबंधन कर सकते हैं। इसमें डायलिसिस एक प्रमुख विकल्प है, जिससे कुत्ते के जीवित रहने के समय को कई वर्षों तक बढ़ा सकते हैं। आईवीआरआई में निर्धारित शुल्क में ये सुविधा उपलब्ध है।
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