अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के लिए दोगुना बढ़ाए गए मजदूर, जानें वजह

अयोध्या/अमृत विचार। राम मंदिर में जनवरी 2024 में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूर्ण कर लिया जाएगा, जिसके बाद लाखों की संख्या में श्रद्धालु राम जन्मभूमि परिसर में रामलला का दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे। ऐसे में मंदिर के भूतल में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी की जा रही है।
पत्थरों की घिसाई और खंभों पर सनातन परंपरा के मुताबिक मूर्तियों की तराशी का कार्य किया जा रहा है। परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर तक जाने में कोई असुविधा न हो इसके लिए परकोटे निर्माण के कार्य में तेजी लाने के लिए एलएंडटी ने अपने वर्करों की संख्या को लगभग दोगुना कर दिया है। अब 900 से बढ़ा कर 1700 वर्करों को निर्माण कार्य में लगा दिया गया है।
राम जन्मभूमि परिसर में अलग-अलग 3 शिफ्ट में वर्करों को तैनात किया गया है, जिसमें सुबह 8 से 12, दोपहर में 1 से 5 और रात्रि में 7 से 11 बजे तक निर्माण का कार्य किया जा रहा है। अयोध्या में अलग-अलग स्थानों पर वर्करों के जाने की व्यवस्था बनाई गई है।
मुख्य रूप से राम जन्मभूमि परिसर के निकट रामकोट क्षेत्र में ही वर्करों के रुकने की व्यवस्था बनाई गई है। हालांकि इस स्थान पर पहले 500 वर्करों के ठहरने के लिए अस्थाई निर्माण कराया गया था, जिसके बाद वर्करों की संख्या को बढ़ाने के साथ ही ठहरने की सुविधाओं में भी इजाफा किया गया है। अयोध्या के रामघाट और मीरापुर डेरा बीवी के क्षेत्र में भी कुछ भवनों को वर्करों को रहने के लिए आरक्षित किया गया है।
गोलार्द्ध छत बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सहयोगी गोपाल जी ने बताया कि राम मंदिर में नृत्य मंडप पर गोलार्द्ध छत बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो वहीं रंग मंडप को भी तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही भूतल में लगाए गए खंभों में तराशी का कार्य किया जा रहा है। परिसर में परकोटा, बिजली केंद्र और यात्री सुविधा केंद्र का भी निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें लगभग 1700 वर्कर कार्य कर रहे हैं।
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