हल्द्वानी: पंजीकरण शुल्क में छूट का स्वागत, एक्ट से राहत नहीं

हल्द्वानी, अमृत विचार। प्रदेश सरकार ने 50 से कम बेड वाले अस्पतालों को पंजीकरण शुल्क में छूट दी है, लेकिन क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के दायरे से बाहर नहीं किया है। ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने मुख्यमंत्री धामी से राहत की आस लगाई है।
शनिवार को पत्रकार वार्ता के दौरान आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर जोशी ने 50 से कम बेड वाले नर्सिंग होम और अस्पतालों को पंजीकरण शुल्क में छूट देने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया। कहा कि फैसला स्वागत योग्य है, लेकिन क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के नियमों के चलते सभी निजी अस्पतालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए 50 एवं इससे कम बेड वाले अस्पतालों को एक्ट के दायरे से पूरी तरह बाहर रखने की मांग की। इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तहत ईटीपी व एसटीपी व्यवस्था में छूट, बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण में बार कोडिंग के नाम पर हो रहे गोरखधंधे को बंद करने, चिकित्सकों व निजी अस्पतालों की सुरक्षा के लिए महामारी एक्ट जारी रखने तथा अग्निशमन अधिनियम के तहत अस्पतालों के लिए बनाये गये कानूनों को शिथिल करने की मांग की।
डॉ. जोशी ने बताया कि आईएमए की मांगों पर मुख्यमंत्री ने गौर करने का आश्वासन दिया है। संगठन को उनसे राहत की उम्मीद है। वार्ता के दौरान आईएमए के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जेएस खुराना, शहर अध्यक्ष डॉ. जेएस भंडारी, सचिव डॉ. संजय सिंह, डॉ. डीसी पंत, डॉ. धीरज साहू, डॉ. दीपक अग्रवाल मौजूद रहे।