अयोध्या: अब तक शुरू नहीं हुई चार साल पहले बंद स्मार्ट मीटर योजना

शहर और कस्बों को मिला चिह्नित हुए थे 47 हजार उपभोक्ता, सिर्फ 22 हजार के यहां लगे 

अयोध्या: अब तक शुरू नहीं हुई चार साल पहले बंद स्मार्ट मीटर योजना

अयोध्या/अमृत विचार। लाइन लॉस रोकने, समय से बिजली का भुगतान न किए जाने आदि की समस्याओं से निपटने के लिए पॉवर कॉर्पोरेशन ने घरों में स्मार्ट मीटर लगाने के आदेश दिये थे। कार्यदाई संस्था व विभागीय लापरवाही के कारण करीब चार साल बाद भी शहरी क्षेत्र में अभी करीब 25 हजार उपभोक्ताओं के यहां के स्मार्ट मीटरों को नहीं लगाया गया है।

 बतातें है कि करीब 47 हजार उपभोक्ताओं के यहां लगने थे। पहले उपभोग की गई बिजली के भुगतान के लिए घरों में मैकेनिकल मीटर लगाए गए थे। इस मीटर में सिर्फ रीडिंग ही पता चल पाती थी। घर में खर्च हो रही बिजली के लोड की जानकारी नहीं होती थी। साथ ही इसमें बिजली चोरी की संभावना भी अधिक थी। 

इस मैकेनिकल मीटरों को रिप्लेस कर घरों में सेमी स्मार्ट मीटर लगाया गया लेकिन इसके बाद भी लाइन लॉस में उतनी कमी नहीं आई जितनी उम्मीद थी। जिससे निपटने के लिए के लिए घरों में स्मार्ट विद्युत मीटर लगाने का निर्णय कार्पोरेशन ने लिया। बताया जा रहा है कि स्मार्ट मीटर से लाइन लॉस में कमी तो आएगी ही। 

समय से बिजली का भुगतान नहीं करने वालों के घर की बिजली भी एक निश्चित बकाया राशि व तय समय के बाद कट जाएगी। किसी ने मीटर में छेड़छाड़ की तो भी इसकी जानकारी तत्काल विभाग को मिल जाएगी। इस मीटर को सबसे शहरी व कस्बा क्षेत्र के 47 हजार उपभोक्ताओं के यहां बदला जाना था। इसकी जिम्मेदारी एलएंडटी कम्पनी को दी गई थी।

आधे उपभोक्ताओं के भी नहीं बदले गए मीटर 
सेमी स्मार्ट मीटरों का स्मार्ट मीटर से बदलने की कवायद करीब वर्ष 2018-19 में शुरू हुई थी। कार्रवाई संस्था शहरी क्षेत्र में करीब 22 हजार उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगा पाई थी।

इसके बाद कोरोना संक्रमण के चलते इस कार्य को रोक दिया। कोरोना संक्रमण समाप्त होने के बाद भी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटरों को लगाने की कवायद कंपनी ने दोबारा नहीं शुरू की। जिसके चलते करीब चार साल में भी अभी बचे  उपभोक्ताओं के घरों में लगे सेमी स्मार्ट मीटरों को स्मार्ट मीटरों में नहीं बदला जा सका।

कोट- स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत की गई थी लेकिन इसमें भी तकनीकी दिक्कतें सामने आईं जिसके कारण रोक दिया गया था। अभी ऊपर से कोई आदेश नहीं है जैसे निर्देश होगें आगे काम होगा... प्रदीप कुमार वर्मा, अधिशासी अभियन्ता, विघुत वितरण खंड प्रथम।

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