खबर का असर : लोन के एवज में रिश्वत लेने वाला आरोपी प्रधान लिपिक निलंबित

नगर पालिका परिषद के प्रधान लिपिक पर लोन के नाम पर 2 हजार रुपए की रिश्वत लेने का लगा था आरोप

खबर का असर : लोन के एवज में रिश्वत लेने वाला आरोपी प्रधान लिपिक निलंबित

शहरी विकास विभाग के निदेशक के निर्देश पर आरोपी लिपिक पर कार्रवाई 

गदरपुर, अमृत विचार। लोन की फाइल स्वीकृत करने के एवज में 2 हजार रुपये की रिश्वत लेना नगर पालिका के प्रधान लिपिक को महंगा पड़ गया है। दैनिक अमृत विचार में प्रकाशित समाचार का संज्ञान लेते हुए शहरी विकास विभाग के निदेशक नवनीत पांडे ने आरोपी प्रधान लिपिक को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद आरोप प्रधान लिपिक को निलंबित कर उपजिलाधिकारी कार्यालय से अटैच कर दिया गया। प्रधान लिपिक का कार्यभार पालिका के एक अन्य कर्मी अशोक कुमार बांगा को सौंप दिया गया है।

गौरतलब है कि अमृत विचार समाचार पत्र ने नगर पालिका परिषद गदरपुर के प्रधान लिपिक के रिश्वत लिए जाने को लेकर 2 मई के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। जिसका संज्ञान ले शहरी विकास विभाग के डायरेक्टर के निर्देश पर आरोपी प्रधान लिपिक को निलंबित कर दिया गया है उनका कार्यभार पालिका के अशोक कुमार बांगा को सौंपा गया है।

पालिका के अधिशासी अधिकारी जगदीश चंद्रा ने बताया कि आरोपी प्रधान लिपिक ने पालिका की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। उत्तराखंड पालिका केंद्रीय कर्मचारी सेवा समूह का नियमावली 2017 के नियम 3 एवं नियम 29 के तहत आरोपी प्रधान लिपिक शिव कुमार गुप्ता को विभागीय जांच पूरी होने तक बर्खास्त कर दिया गया है। निदेशक ने मामले की जांच के लिए अधिशासी अधिकारी जगदीश चंद्रा को नामित करते हुए उन्हें 3 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने के भी निर्देश दिए हैं।


पालिका कार्यालयों में लगे सीसीटीवी कैमरों में घटना कैद

नगर पालिका के अधिकारी मामले को दबाने में जुटे हैं जबकि पूरा घटनाक्रम कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुआ है यदि पालिका प्रशासन चाहे तो पालिका कार्यालय के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज लेकर आरोपों को पुष्टि कर सकता है।


रिश्वत लेना और देना दोनों गंभीर अपराध

 रिश्वत लेने के आरोप में जिस प्रधान लिपिक को निलंबित किया गया है यदि उसका दूसरा पहलू देखा जाए तो रिश्वत लेने वाला और देने वाला दोनों बराबर के दोषी हैं। हैरानी की बात तो यह है कि पालिका के आरोपी प्रधान लिखित को तो निलंबित करने के आदेश जारी हो चुके हैं परंतु रिश्वत देने वाले के खिलाफ भी कोई कार्रवाई होगी यह आने वाला समय ही बताएगा।