दिनेशपुर: पशुपालकों को दुगने दामों में खरीदना पड़ रहा है भूसा

दिनेशपुर, अमृत विचार। पशुपालकों को दुगने दामों में पशुओं के चारे के लिए भूसा क्रय करना पड़ रहा है। किसान ट्रैक्टर के रैपर से गेहूं की नाड़ (डंठल) का भूसा बनवाकर पशुओं के चारे के लिए रख रहे हैं। पशुपालकों को एक हजार रुपये प्रति क्विंटल भूसा खरीदना पड़ रहा है।
पशुपालकों का कहना है कि चारे के दाम आसमान छूने लगे हैं। लेकिन, दूध का मूल्य दुग्ध समितियों व बाजार में गाय का 30 व भैंस का 40 रुपये बिक रहा है। जबकि दूग्ध संघ द्वारा उसी दूध से क्रीम निकाल कर बाजार में 50 व 60 प्रति लीटर बेचा जा रहा है, जिससे पशुपालकों अपनी मेहनत का दाम नहीं मिल पा रहा है।
पशुपालक चंचल सिंह देऊपा ने कहा कि उन्हें पशुओं के लिए ट्रैक्टर के रैपर से बना भूसा एक हजार रुपए प्रति कुंटल खरीदना पड़ रहा है। ट्रैक्टर के थ्रेसर से बना भूसा 9000 प्रति एकड़ मिल रहा है। छोटी जोत का किसान गोविंद सिंह कोरंगा ने बताया कि पशुओं के लिए कंबाइन मशीन से कटे गेहूं की नाड़ का ट्रैक्टर के रैपर से भूसा बनाने में 3000 रुपये प्रति एकड़ भूसा बनाई देनी पड़ रहा है।
सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष किसान नेता अमर सिंह ने कहा कि शासन- प्रशासन को बारिश से नष्ट हुई गेहूं की फसल का पीड़ित किसानों को समय पर मुआवजा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में चारे की कमी के कारण पशुपालकों द्वारा छोड़े गए आवारा पशु किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रशासन को आवारा पशुओं के रख-रखाव के लिए बने हुए गोशालाओं में व्यवस्था करनी चाहिए।