हल्द्वानी: चारधाम यात्रा के लिए ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू
ग्रीन कार्ड के साथ ट्रिप कार्ड भी बनेगा, पिछले साल बने थे 18 हजार से अधिक ग्रीन कार्ड

देहरादून, हरिद्वार, कोटद्वार, ऋषिकेश, कर्णप्रयाग में बने 190 ग्रीन कार्ड ट्रिप कार्ड में लगे क्यूआर कोड से मिल जाएगी यात्रियों की पूरी जानकारी
हल्द्वानी, अमृत विचार। आरटीओ कार्यालय में मंगलवार से चारधाम यात्रा के लिए ग्रीन कार्ड सेल की शुरुआत हो गई है। चारधाम यात्रा पर जाने के लिए प्रतिवर्ष कामर्शियल वाहनों का ग्रीन कार्ड बनवाना अनिवार्य है। प्रत्येक साल टैक्सी और बसों के आवागमन के लिए वाहन चालक या स्वामी आरटीओ कार्यालय में आकर ग्रीन कार्ड बनवाते हैं। इसमें बड़े वाहनों के लिए 650 रुपए और छोटे वाहनों के लिए 450 रुपए की फीस निर्धारित है।
पिछले साल से इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। ऑनलाइन फीस जमा करने के बाद सभी डॉक्यूमेंट्स को जांचकर अपलोड किया जाता है। इसके बाद वाहनों की फिटनेस जांची जाती है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ग्रीन कार्ड जारी कर दिया जाता है। ग्रीन कार्ड के साथ ही ट्रिप कार्ड का होना भी जरूरी है, इसमें प्रत्येक ट्रिप में वाहन चालक और यात्रियों का नाम, पता मोबाइल नं., फोटो और पूरी डिटेल्स अपलोड की जाती है।
इसमें क्यूआर कोड भी होता है जिससे यात्रा के दौरान वाहनों की चेकिंग करने पर चालक और यात्रियों की पूरी डिटेल्स दिख जाएगी। आरटीओ संदीप सैनी ने बताया कि यह देखने में आ रहा था कि हरियाणा, पंजाब या अन्य बाहर की गाड़ियां चारधाम यात्रा को जाती थी लेकिन इसके बाद हरिद्वार या अन्य स्थान पर रूककर चारधाम यात्रा के लिए बुकिंग में जाते थे जिससे लोकल टैक्सी स्वामियों को नुकसान होता था लेकिन ट्रिप कार्ड बनने के बाद बाहर की गाड़ियां राज्य में एक स्थान पर रुककर अवैध तरीके से बुकिंग में नहीं जा पाएंगी।
उन्होंने बताया कि मुख्यालय की सूचना के अनुसार इस बार की यात्रा के लिए देहरादून, हरिद्वार, कोटद्वार, ऋषिकेश, कर्णप्रयाग से 190 गाड़ियों के ग्रीन कार्ड बनाए जा चुके हैं। बताया कि पिछले साल 18 अप्रैल से 30 जून तक 18 हजार से अधिक ग्रीन कार्ड बने थे। बताया कि बुधवार को देहरादून में चारधाम यात्रा को लेकर बैठक होनी है।