कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बड़ा झटका, संसद सदस्यता खत्म...मानहानि केस में 2 साल की सजा के बाद LS स्पीकर का फैसला
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नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बड़ा झटका शुक्रवार को लगा। लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया है। दरअसल, सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे।
We will fight this battle both legally and politically. We will not be intimidated or silenced. Instead of a JPC into the PM-linked Adani MahaMegaScam, @RahulGandhi stands disqualified. Indian Democracy Om Shanti. pic.twitter.com/d8GmZjUqd5
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 24, 2023
कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी को उनकी मोदी सरनेम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
राहुल गांधी जी की लोकसभा सदस्यता ख़त्म कर दी गई।
— Congress (@INCIndia) March 24, 2023
वह आपके और इस देश के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं, लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं।
हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर क़ीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे।
लड़ाई जारी है✊️ pic.twitter.com/4cd9KfG3op
शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि संविधान के अनुच्छेद 102(1)(e) और जनप्रतिनिधि कानून के तहत सदस्यता रद्द की गई है। राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद थे. 2019 के चुनाव में राहुल अमेठी के साथ-साथ वायनाड सीट पर भी खड़े हुए थे। अमेठी में वो हार गए थे, मगर वायनाड में उन्होंने बड़ी जीत हासिल की थी। वायनाड में राहुल गांधी ने 2019 में 65 फीसदी वोट हासिल किए थे।
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— Amrit Vichar (@AmritVichar) March 24, 2023
दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई हो तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी। इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता सच बोलने के कारण समाप्त की गयी है। श्री खड़गे ने यहां संवाददाताओं से गांधी की सदस्यता समाप्त किये जाने पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कहा, हम लोग सदन के अंदर और बाहर तथा आम सभाओं में सच बोलते रहेंगे। लोकतंत्र को बचाने के लिए पार्टी नेताओं को जेल भी जाना पड़े, तो जायेंगे। आज भी 140 लोगों को हिरासत में लिया गया है। अडानी मामले की संयुक्त जांच समिति से जांच की मांग आगे भी बनी रहेगी।
खड़गे ने कहा, ये किसी समाज के संबंध में नहीं है जो लोग पैसे लेकर भागे, जैसे ललित मोदी, नीरव मोदी और विजय माल्या वे क्या पिछड़े समाज से थे? ये लोग ऐसी अनुभूति बना रहे हैं कि राहुल गांधी ने पिछड़े समाज के बारे में बोला है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की आज शाम पांच बजे पार्टी कार्यालय में बैठक बुलायी गयी है जिसमें गांधी की सदस्यता समाप्त किये जाने को लेकर रणनीति तैयार की जायेगी। श्री खडगे ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि सच बोलने वाला कोई सदस्य सदन के अंदर रहे। उन्होंने कहा, हम अंदर भी सच बोलेंगे और बाहर भी सच बोलेंगे। उल्लेखनीय है कि गांधी की लोकसभा की सदस्यता मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा दिये जाने के बाद समाप्त की गयी है। गांधी केरल के वायनाड सीट से लोकसभा सदस्य थे।
केंद्रीय मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने कहा, राहुल गांधी सोचते थे कि देश के संविधान और कानून से वे ऊपर हैं। सूरत की अदालत के फैसले के बाद स्पीकर ने ये निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री बी.एल. वर्मा बोले, हमारे देश में कानून का राज चलता है, ये कोर्ट का फैसला है। इसपर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, जब राहुल गांधी ने अडानी पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछे थे उसी समय से इन्होंने इस प्रकार साजिश राहुल गांधी की आवाज को दबाने के लिए शुरू कर दी थी। मोदी सरकार के मंत्रियों ने कई बार राहुल गांधी के खिलाफ गलत आरोप लगाए। लोकसाभ में राहुल गांधी को बोलने का और अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया। ये साफ-साफ भाजपा सरकार के लोकतंत्र विरोधी और तानाशाह वाले मनोभाव को दर्शाता है।
तानाशाही नहीं चलेगी pic.twitter.com/n5sMjzsdMK
— Congress (@INCIndia) March 24, 2023
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अडानी समूह के मामले में जेपीसी जांच की मांग को लेकर विजय चौक पर प्रदर्शन कर रहे विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिया। बता दें कि पुलिस ने विजय चौक पर घोषणा की थी कि मार्च कर रहे विपक्षी सांसद आगे मार्च न करें क्योंकि धारा 144 सीआरपीसी लागू है। यहां किसी भी आंदोलन की अनुमति नहीं है। अडानी समूह के मामले में विपक्षी सांसद जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं। बिहार में भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट द्वारा मानहानि मामले में दोषी करार देने पर पटना में कांग्रेस नेताओं ने सप्तमूर्ति सचिवालय से विरोध मार्च निकाला। बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार सहित पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को कर्नाटक पुलिस ने हिरासत में लिया।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, राहुल गांधी सच बोल रहे हैं, उन्होंने संसद में अडानी से संबंधित मुद्दा रखा। क्या ये ग़लत है? आज राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया जा रहा। इसका मतलब क्या है?...लोकतंत्र को ख़त्म करने का काम किया जा रहा है। ऐसे ही चलता रहा तो इस देश में एक दिन तानाशाही आ जाएगी। जनता का पैसा निकालकर ऋण दिया गया। उनका(अडानी समूह) की संपत्ति की कोई जानकारी नहीं ली गई। आज LIC कमजोर हो रहा है, बैंक कमजोर हो रहे हैं। इस पर हम JPC चाहते हैं, लेकिन सरकार सुनना नहीं चाहती।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, जब कोर्ट का फैसला इनके (कांग्रेस) पक्ष में आता है तो ये कोर्ट की तारीफ करते हैं। कोर्ट का फैसला विरोध में आता है तो कोर्ट की आलोचना करने लग जाते हैं। कोर्ट ने इन्हें माफी मांगने का समय दिया पर इन्होंने घमंड दिखाया।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, अगर मोदी जी का मन साफ होता और हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी के घपले नहीं होते तो क्या कोई प्रधानमंत्री इस बात पर चर्चा करने से पीछे हटता। राजीव गांधी पर भी आरोप लगा था लेकिन वे बेदाग निकले। 7 बार लोकसभा में JPC हो चुकी है, फिर ये क्यों डरते हैं?
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी बोले, राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करना मोदी सरकार की प्रतिशोध की नीति का उदाहरण है। भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है और मोदी सरकार को यही हजम नहीं हो रहा। उन्हें लग रहा है कि राहुल गांधी का मुंह बंद करना होगा क्योंकि अगर उन्हें बोलने दिया गया तो BJP सरकार से बाहर हो जाएगी।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, समाजवादी पार्टी के कई नेताओं की सदस्यता BJP ने ली है और आज कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी की सदस्यता गई है.. ये सब जानबूझकर असली मुद्दे जैसे- महंगाई, बेरोजगारी और अपने मित्र उद्योगपति पर बहस से ध्यान हटाने के लिए किया गया है।
क्या है मामला ?
बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 2019 में कोलार (कर्नाटक) में चुनावी रैली के दौरान दिए गए 'सारे चोरों का सरनेम मोदी क्यों है?' बयान को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था। राहुल पर पूरे मोदी समुदाय को बदनाम करने का आरोप था और इस मामले में गुरुवार को उनको सूरत की जिला कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई। हालांकि, तत्काल राहुल को राहत मिली और उन्हें जेल जाने से पहले ही कोर्ट से जमानत मिल गई।
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