पीलीभीत: छह दिन तक मां की तस्वीर निहारती रही छात्रा और फंदा लगाकर दे दी जान

परिजन की गैरमौजूदगी में हाईस्कूल की छात्रा ने उठाया आत्मघाती कदम

पीलीभीत: छह दिन तक मां की तस्वीर निहारती रही छात्रा और फंदा लगाकर दे दी जान

पीलीभीत, अमृत विचार। सात साल पहले मर चुकी मां की तस्वीर को छह दिन तक एक छात्रा निहारती रही। गुमशुम बैठकर मां के बारे में सोच विचार किया और फिर उसके बाद परिवार की गैर मौजूदगी में फंदा लगाकर अपनी जान जान दे दी।

खेत से काम निपटाकर घर पहुंचे पिता ने शव लटका देखा तो चीख पुकार मच गई। बिलसंडा पुलिस ने मौका मुआयना कर जानकारी की। शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजन के सुपुर्द कर दिया है।

बिलसंडा थाना क्षेत्र करेली गांव के रहने वाले संजय सिंह खेती कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। उनकी 16 वर्षीय पुत्री सारिका ने इस बार हाईस्कूल की परीक्षा दी थी। 12 वर्षीय बेटा आयुष कक्षा आठ का छात्र है। पत्नी रोमी सिंह की वर्ष 2016 में स्वाइन फ्लू से ग्रसित होने के बाद मौत हो गई थी, जोकि रोजगार सेवक थीं। परिजन की मानें तो मां की मौत के बाद से ही सारिका गुमशुम सी रहने लगी थी।

सोमवार सुबह करीब सात बजे दादी नन्हीं देवी गांव में ही एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए चली गई। छोटा भाई स्कूल चला गया। उसके बाद पिता खेत पर चले गए। घर पर सारिका अकेली रुकी हुई थी। इस बीच सारिका ने कमरे में दुपट्टे का फंदा बनाकर उससे लटककर जान दे दी। पूर्वान्ह करीब साढ़े 11 बजे पिता खेत से काम निपटाकर घर पहुंचे तो मकान का मेनगेट बंद था। किसी तरह वह मकान के भीतर पहुंचे और कमरे में देखा तो बेटी का शव लटका मिला। इसके बाद चीख पुकार मच गई। रिश्तेदार और आसपास के तमाम लोग आ गए।

दोपहर दो बजे के बाद पुलिस को सूचना दी गई। बिलसंडा पुलिस ने मौका मुआयना कर जानकारी की। उसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पिता ने बताया कि करीब छह दिन पहले बेटी को अपनी मां की याद अधिक आने लगी थी। इस पर उसने मां की तस्वीर आंगन में लगा दी थी और उसे देखा करती थी। मां के सदमे में ही खुदकुशी का अंदेशा जताया।

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