पीलीभीत: गड्ढे में दर्ज भूमि पर सामुदायिक शौचालय बनाकर 7.48 लाख ठिकाने लगाए, प्रधान के अधिकार सीज

पीलीभीत, अमृत विचार: राजस्व अभिलेखों में गड्ढे में दर्ज भूमि पर ही सामुदायिक शौचालय बनवाकर 7.48 लाख रुपये ठिकाने लगा दिए गए। जांच में खुलासा होने के बाद डीएम ने ग्राम पंचायत बरहा की ग्राम प्रधान के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए। वहीं जांच में दोषी पाए गए तत्कालीन सचिव और तत्कालीन लेखपाल पर निलंबित कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। डीएम की इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है।
मामला ललौरीखेड़ा ब्लाक की ग्राम पंचायत बरहा का है। जोशी कॉलोनी निवासी चांदनी, विमलादेवी, गंगादेई आदि ने डीएम को शपथ पत्र सहित की शिकायत कर सामुदायिक शौचालय निर्माण में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की। इस मामले में भारतीय किसान यूनियन ने भी शिकायत कर जांच कराने की मांग की थी।
डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दो सदस्यीय टीम गठित कर जांच करने के निर्देश दिए थे। जांच टीम में शामिल जिला कार्यक्रम अधिकारी युगल किशोर सांगुड़ी एवं शारदा सागर खंड के सहायक अभियंता राजकुमार ने मौके पर जाकर जांच की और ग्राम प्रधान तथा तत्कालीन सचिव को प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। जांच रिपोर्ट के मुताबिक ग्राम पंचायत में राजस्व अभिलेखों में गड्ढे के रूप में दर्ज भूमि पर ही सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराते हुए 748779.86 रुपये का अपव्यय होना पाया गया।
जिस पर जांच में दोषी पाई गई ग्राम प्रधान लौंगश्री और तत्कालीन सचिव अमित दुबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। समयावधि बीतने के बाद भी ग्राम प्रधान और तत्कालीन सचिव ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। इधर डीएम ने वित्तीय अनियमितताओं का दोषी मानते हुए ग्राम प्रधान लौंगश्री के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगा दी। साथ ही प्रकरण की अंतिम जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करने के आदेश दिए हैं। दोषी तत्कालीन सचिव और लेखपाल पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
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