संभल: विरोधियों को फंसाना चाहता था पोता...दादा को ही उतार दिया मौत के घाट

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Published By Monis Khan
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संभल, अमृत विचार। हयातनगर थाना क्षेत्र के गांव में पांच दिन पहले मकान के बाहर चारपाई पर सो रहे ग्रामीण की गोली मारकर हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा किया तो चौंकाने वाला सच सामने आया है। हत्यारोपी पोते ने मुकदमें में फैसले के लिए विरोधियों पर दबाव बनाने की योजना के तहत खुद ही अपने दादा की गोली मारकर हत्या की थी। इसके बाद विरोधी पक्ष के तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया था। पुलिस ने दादा की हत्या करने वाले पोते को गिरफ्तार कर उसके पास से हत्या में इस्तेमाल तमंचा बरामद कर लिया।  

थाना क्षेत्र के गांव मोहरा लखूपुरा निवासी राजेंद्र सिंह 70 वर्ष शनिवार की रात मकान के आगे बने छप्पर के नीचे चारपाई पर सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजेंद्र के बेटे रवेंद्र ने गांव के ही सगे भाई कर्रू, रंगरेश व  रविंद्र उर्फ पप्पू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने वारदात को खुलासा करते हुए बताया कि राजेंद्र की हत्या के बाद जब परिजनों ने  कर्रू,रंगरेश व रविद्र पर हत्या का आरोप लगाया तो पुलिस ने रात में ही उनके घर पर दबिश दी थी। तीनों घर पर ही सोते मिले तो पुलिस को शक हो गया था। इसके बाद पुलिस ने गहनता से जांच की तो पता चला कि नामजद आरोपी बेकसूर थे जबकि राजेंद्र के पोते विरलेश ने ही अपने दादा की गोली मारकर हत्या की थी।

पुलिस ने विरलेश को तलाशना शुरु किया तो वह गांव से फरार मिला। इसके बाद हयातनगर पुलिस ने उसे उसकी ससुराल हजरतनगर गढ़ी थाना इलाके के रहटोल गांव से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में विरलेश ने दादा की हत्या की बात कबूल ली। साथ ही पुलिस को वह तमंचा भी बरामद करा दिया जिससे उसने दादा की हत्या की थी। इसके अलावा एक मोबाइल व एक थैला भी पुलिस ने बरामद किया। 

विरलेश ने अपने दादा राजेंद्र की बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी,लेकिन न तो विरलेश से अपने दादा से किसी तरह की नाराजगी थी और न ही कोई रंजिश। दरअसल विरलेश और उसका पिता एक साल पहले गांव में हुई युवक की हत्या के आरोपी थे। हत्या के उस मुकदमें में फैसले के लिए विरलेश ने अपने दादा की हत्या कर विरोधियों पर इल्जाम लगाया था। अब पुलिस ने सच सामने ला दिया तो विरलेश दो हत्याओं का आरोपी बनकर जेल पहुंच गया है।

महोरा लखूपुरा  गांव में एक वर्ष पहले 27 मार्च की देर शाम  विरलेश यादव  कोंचिग सेंटर के दीवारों पर पोस्टर चिपका रहा था। विरलेश यादव गाली गलौज करते हुए बच्चों से पोस्टर नहीं हटाने को कह रहा था। मौके पर पहुंचे रंगरेश के बेटे राहुल यादव ने बच्चों के साथ गाली गलौज का विरोध किया था। इसी बात को लेकर हुए विवाद में विरलेश यादव ने अपने पिता तेजपाल के साथ मिलकर राहुल यादव की चाकू से हमला कर हत्या कर दी थी। 

बचाने पहुंचे राहुल यादव के ताऊ कर्रू व तहेरे भाई रविंद्र उर्फ पप्पू को चाकू मारकर तेजपाल व विरलेश ने घायल कर दिया था। राहुल यादव की हत्या के आरोप में परिजनों ने विरलेश यादव, तेजपाल व वीकेश पर लगाया था। इस मामले की पुलिस ने जांच पड़ताल की और हत्या में शामिल नहीं होने पर वीकेश का नाम हटाकर पुलिस ने  तेजपाल व विरलेश यादव को जेल भेज दिया था। कुछ माह पहले विरलेश यादव जमानत पर बाहर आ गया। तेजपाल अभी भी जेल में बंद है। पिता को जेल से बाहर निकालने और खुद और मुकदमें में फैसले की मंशा से विरलेश ने दादा राजेंद्र को मारा लेकिन पुलिस ने सच उजागर किया तो विरलेश फिर से सलाखों के पीछे पहुंच गया। 

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