17 साल की उम्र से ही जरायम को बना लिया था अतीक ने अपना पेशा, सियासत को बनाता गया सीढ़ी 

17 साल की उम्र से ही जरायम को बना लिया था अतीक ने अपना पेशा, सियासत को बनाता गया सीढ़ी 

मिथिलेश त्रिपाठी, प्रयागराज, अमृत विचार। उमेश पाल की हत्या के बाद से माफिया अतीक अहमद का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। पूरा कुनबा दर-बदर होने के साथ बेघर हो चुके है। तो वहीं अतीक अहमदाबाद जेल में पुलिस की पूछताछ को लेकर बेचैन है, क्योंकि यूपी पुलिस उससे पूछताछ करने की तैयारी कर चुकी है। अतीक के जुर्म की एक लंबी कहानी है, जो प्रयागराज से शुरू होकर पूरे देश मे मशहूर है। अतीक पर 1979 में हत्या का पहला मुकदमा दर्ज किया गया था । जिसके बाद उसने अपनी गैंग बनाई, और गैंग का नाम  IS- 227 नाम रख दिया। आज इस गैंग के कुल 34 शूटर नामजद हो चुके हैं।


कैसे बढ़ाता गया जुर्म की दुनिया में कदम

1- 44 साल पहले, जब हत्या में नाम आया

2- अतीक के खिलाफ सबसे पहले 1979 में खुल्दाबाद थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। 

3- अतीक के खिलाफ सबसे पहले 1979 में खुल्दाबाद थाने में मुकदमा दर्ज हुआ।

4- 1979 में पहली बार अतीक का नाम हत्या के केस में सामने आया। तब उसकी उम्र करीब 17 साल थी। अतीक का नाम सबसे पहले 1979 में मो. गुलाम हत्याकांड में पुलिस रिकाॅर्ड में दर्ज हुआ। इसका केस धारा 302 के तहत खुल्दाबाद थाने में दर्ज हुआ। मुकदमा संख्या थी- 431 /79 ।

5- इस के बाद एक तांगा चलाने वाले फिरोज अहमद का बेटा अतीक गुनाहों का बेताज बादशाह बन गया। धीरे-धीरे उसका नाम प्रयागराज के माफिया चांद बाबा और कपिल मुनि करवरिया से ऊपर गिना जाने लगा। वह पूरे प्रदेश में जमीन कब्जा करना, हत्या, लूट, डकैती और फिरौती की घटनाओं को अंजाम देने लगा।

कैसे बना हिस्ट्रीशीटर
अतीक की हिस्ट्रीशीट नंबर 39 ए है, गैंग का नंबर आईएस- 227 हैं। अतीक की आपराधिक गतिविधि पर लगाम लगाने के लिए यूपी सरकार ने 1985 में गुंडा और 1986 में गैंगस्टर की कार्रवाई की। साथ ही और कड़ी निगरानी के लिए 17 फरवरी 1992 को इसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई, जिसका हिस्ट्रीशीट नंबर 39 ए है। उसके गैंग का नंबर आईएस -227 है।


1989 में पहली बार चांद बाबा को हराकर विधायक बना
1989 में अतीक प्रयागराज पश्चिमी सीट से अपने चिर प्रतिद्वंद्वी चांद बाबा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरा और पहली बार में चांद बाबा को हराकर विधायक बन गया। 1989 में अतीक प्रयागराज पश्चिमी सीट से अपने चिर प्रतिद्वंद्वी चांद बाबा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरा और पहली बार में चांद बाबा को हराकर विधायक बन गया। अब बारी थी राजनीति की। अतीक ने माफिया का रसूख हासिल करने के बाद राजनीति के लिए जमीन तैयार करनी शुरू की। 

1989 में प्रयागराज पश्चिमी सीट से अपने चिर प्रतिद्वंद्वी चांद बाबा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरा। और पहली बार में ही चांद बाबा को हराकर विधायक बन गया। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा और राजनीति के दम पर जरायम की दुनिया में बादशाह बन गया। वह पांच बार विधायक और एक बार सांसद चुना गया। उसके खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई से वकील से लेकर जज तक दूरी बनाने लगे।


12वीं के बाद मोहल्ले से ही रंगदारी वसूली शुरू की
अतीक अहमद का जन्म 1960 में प्रयागराज के धूमनगंज कसारी नसारी में हुआ था। पिता तांगा चालक थे। उनका नाम हाजी फिरोज अहमद था। वह कुश्ती के शौकीन थे। जिसके चलते अतीक भी कुश्ती लड़ता था। इसी वजह से इलाके में लोग उसे पहलवान नाम से भी बुलाते थे। पढ़ाई में मन नहीं लगने के चलते अतीक ने इंटर तक ही पढ़ाई की। इसके बाद 17 साल की उम्र में इलाके में ही रंगदारी वसूलने लगा। पहली रंगदारी अपने मोहल्ले में ही वसूली।


राजनीति में बनाई पहचान 
अतीक अहमद के ऊपर गेस्ट हाउस कांड में एक साथ 114 मुकदमे दर्ज किया गया। अब अतीक अहमद राजनीतिक गलियारे में रसूख बनाने के लिए हर हथकंडा अपना रहा था। इसी कड़ी में 1995 में उसे पहचान मिली। उसका नाम लखनऊ में हुए गेस्ट हाउस कांड में आया। सपा सरकार को बचाने के लिए उसने तत्कालीन बसपा प्रमुख मायावती और उनके दल के तमाम लोगों को बंधक बना लिया। लखनऊ के थाना हजरतगंज में अतीक पर मुकदमा दर्ज हुआ। जिसकी विवेचना क्राइम ब्रांच, अपराध अनुसंधान विभाग लखनऊ (सीआईडी) ने की थी। इसमें उसका नाम प्रमुख अभियुक्त के रूप में नाम दर्ज किया गया। इसके साथ ही प्रयागराज के धूमनगंज थाने में एक ही दिन में 114 केस अतीक के खिलाफ दर्ज किए गए। अगर सलाखों के पीछे जाने की बात करें तो खुद साबरमती जेल में; भाई बरेली, बेटे लखनऊ और एक बेटा नैनी जेल में बंद है। 

अब बारी अतीक के आतंक और जुर्म के अंत की थी। 2017 में भाजपा की सरकार आई। पुलिस ने अतीक और उसके गुर्गों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। इसी का नतीजा है कि आज अतीक गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। अतीक का भाई अशरफ बरेली जेल में बंद है। उसका एक बेटा उमर लखनऊ और दूसरा बेटा प्रयागराज नैनी जेल में बंद है।


अतीक के गैंग पर कार्रवाई
अतीक गैंग पर पिछले दिनों योगी सरकार का बुलडोजर भी जमकर चला है। पुलिस ने गैंग के 14 सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए गुंडा एक्ट में कार्रवाई की। वहीं 22 की हिस्ट्रीशीट खुली और दो गुर्गों को जिला बदर किया गया।
पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत अब तक 415 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। 68 शस्त्र लाइसेंस भी रद्द कर दिए। यही नहीं, 751 करोड़ रुपए की अवैध संपत्तियों को भी जमींदोज किया गया है।

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