रामनगर: लद्दाख में सैन्य यूनिट कमान करने वाली गीता बनीं पहली महिला सैन्य अधिकारी
देश और उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक गौरव के पल

कामयाबी के दरवाजे उन्ही के लिए खुलते है, जो खटखटाने की ताकत रखते है। यह शब्द मूल रूप से ग्राम: डंगु, पोस्ट: पौखाल, ब्लॉक: यमकेश्वर पौड़ी गढ़वाल की कर्नल गीता राणा पर सटीक बैठते हैं।
रामनगर, अमृत विचार। कामयाबी के दरवाजे उन्हीं के लिए खुलते हैं, जो खटखटाने की ताकत रखते हैं। यह शब्द मूल रूप से ग्राम: डंगु, पोस्ट पौखाल, ब्लॉक: यमकेश्वर पौड़ी गढ़वाल की कर्नल गीता राणा पर सटीक बैठते हैं। सेना से अवकाश प्राप्त कैप्टेन कृपाल सिंह राणा की पुत्री गीता ने अपने बल पर यह मुकाम हासिल किया है।
इस समय गीता लद्दाख में सैन्य यूनिट कमान करने वाली महिला सैन्य अधिकारी बन गयी हैं। कर्नल गीता ने पूर्वी लद्दाख में एक दूरस्थ फारवर्ड स्थान पर स्वतंत्र फील्ड वर्कशॉप का चार्ज संभाला है। गीता राणा के अलावा कई अन्य महिला सैन्य अधिकारी भी कमांड पोस्ट का नेतृत्व करने के लिए चयनित हुई हैं।
फरवरी,2023 के अंत में सेना द्वारा अनेक महिला अधिकारियों को कमांड रोल देने का ऑफर करने का निर्णय लिया गया था।कर्नल गीता ई०एम०ई० (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मकैनिकल इंजीनियर्स) से हैं। गीता ने ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई से वर्ष 2000 में सेना में कमीशन प्राप्त किया।
अपनी 23 वर्ष की सेवाओं के दौरान वे सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल सहित अनेक स्थानों पर कार्यरत रही हैं। वे ई०एम०ई० प्रशिक्षण संस्थान में बतौर इंस्ट्रक्टर भी सेवाएं प्रदान कर चुकी हैं।
सेना के द्वारा महिला अधिकारियों को कमांड पोस्टों की जिम्मेदारी सौंपने के निर्णय से परमानेंट कमीशन प्राप्त महिला अधिकारियों की प्रोन्नति के नए अवसर खुलेंगे। अभी तक मेडिकल सेवाओं में ही यह अवसर उपलब्ध थे। इसके अलावा सेना में लिंग समानता व समाज में लड़कियों के लिए सेना में अफसर बनकर आगे बढ़ने के हिसाब से भी सेना का यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है।