जसपुर: मक्का को ग्रीष्मकालीन फसल के रूप में प्रोत्साहित करने की मांग

जसपुर, अमृत विचार। पूर्व क्षेत्रीय विधायक ने सरकार से मक्का को ग्रीष्मकालीन फसल के रूप में प्रोत्साहित करने व उसका सर्मथन मूल्य (एमएसपी) घोषित करने की मांग की है ।
सिंघल ने कहा कि उत्तराखंड में तराई क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार ग्रीष्मकाल में तीसरी फसल के रूप में मक्का की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए , इसके लिए एक कारगर नीति की आवश्यकता है और सरकार को ग्रेन बेस्ड डिसलरियो एवं स्टार्च के उद्यमियों से वार्ताकर उचित समर्थन मूल्य घोषित किया जाना चाहिए, ताकि किसानों में ग्रीष्मकालीन मक्का की खेती के प्रति रुझान बढ़ सके।
मक्का की खेती में पानी का कम उपयोग होता। इस लिए मक्का की खेती को बढ़ावा दिया जाने से तराई क्षेत्र के भूमिगत जल सोत्र भी संरक्षित रहेंगे और भूमि की उर्वरा शक्ति का दोहन भी कम होगा। गर्मियों में धान की फसल लिए जाने भूमि का जल का स्तर और गिर जाता है, जिससे तराई क्षेत्र में पीने के पानी तक का संकट गहरा जाता है। इस समस्या को देखते हुए पंजाब , हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन धान पर रोक लगाकर अन्य फसलों मक्का व दलहनी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्हीं की तर्ज पर प्रदेश में भी मक्का की फसल को बढ़ावा दिया जाए और मक्का को तीसरी फसल के रूप प्रोत्साहित किया जाए।
सीएम को भेजा सुझाव पत्र
जसपुर। पूर्व विधायक डॉ. शैलेंद्र कहा कि उन्होंने जल स्रोतों के संरक्षण के उद्देश्य से सरकार को यह सरकार सुझाव दिया है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को एक सुझाव पत्र भी भेजा है।