बरेली: ''बी'' में उच्चीकृत विधि विज्ञान प्रयोगशाला का बजट दोगुना, निर्माण कार्य बंद

बरेली: ''बी'' में उच्चीकृत विधि विज्ञान प्रयोगशाला का बजट दोगुना, निर्माण कार्य बंद

बरेली, अमृत विचार। सी श्रेणी की विधि विज्ञान प्रयोगशाला को शासन ने बी श्रेणी में उच्चीकृत कर दिया है। इसके साथ इसके निर्माण की लागत भी दोगुनी से ज्यादा हो गई है। हाल ही में छह करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं लेकिन 2016 से ट्यूलिया में निर्माणाधीन प्रयोगशाला कब शुरू होगी, इसको लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।

शासन यह सोचकर रकम जारी कर रहा है कि इसका निर्माण जल्द पूरा हो, ताकि इसमें जांचें शुरू कराई जा सकें। पुलिस का फॉरेंसिक तंत्र और मजबूत हो। साथ ही तकनीकी रूप से साक्ष्य एकत्र कर अपराधियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके। कई बार पुलिस अफसरों ने प्रयोगशाला का निरीक्षण भी किया। अमृत विचार ने मंगलवार को प्रयोगशाला में निर्माण जारी होने के संबंध में धरातल पर स्थिति देखी तो निर्माण कार्य बंद मिला। वहां कुछ मजदूर थे, उन्होंने निर्माण कार्य काफी दिनों से बंद होने की बात कहते हुए और कुछ बताने से इनकार कर दिया।

ये लोग संभवत: उत्तर प्रदेश राजकीय निगम लिमिटेड के होंगे। इसके निर्माण का जिम्मा 2016 में ही शासन स्तर से ही इसी लिमिटेड को ही मिल गया था। प्रमुख सचिव संजय प्रसाद की ओर से 15 फरवरी को जारी की गई चिट्ठी में कहा गया है कि बरेली में निर्माणाधीन सी श्रेणी की विधि विज्ञान प्रयोगशाला को बी श्रेणी में उच्चीकृत करने के साथ इसके निर्माण के लिए पुनरीक्षित विस्तृत आगणन की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। 16 नवंबर 2022 को उपलब्ध कराए गए पुनरीक्षित आगणन के तकनीकी परीक्षण के बाद राज्यपाल ने इसको स्वीकृति दी। प्रस्तावित लागत 4776.41 लाख के सापेक्ष व्यय वित्त समिति ने 4753.06 लाख की धनराशि अनुमोदित की है। इसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 6 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

शुरूआत में 23.11 करोड़ रुपये हुए थे स्वीकृत
सपा सरकार में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निर्माण को स्वीकृति मिली थी। तब इसकी स्थापना के लिए 23.11 करोड़ रुपये से अधिक की लागत स्वीकृत हुई थी। उक्त स्वीकृत निर्माण पूरा करने के लिए 2020-21 वित्तीय वर्ष में 21 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश राजकीय निगम लिमिटेड ने पुनरीक्षित आगणन तैयार करके पुलिस महानिदेशक मुख्यालय भेजा था।

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