Kanpur: हार्ट अटैक और हार्ट ब्लॉक होने से 22 की मौत, हैलट, उर्सला, कार्डियोलॉजी और कांशीराम अस्पताल में मरीजों की भीड़

कानपुर में ठंड से 22 लोगों की मौत हो गई।

Kanpur: हार्ट अटैक और हार्ट ब्लॉक होने से 22 की मौत, हैलट, उर्सला, कार्डियोलॉजी और कांशीराम अस्पताल में मरीजों की भीड़

कानपुर में हार्ट अटैक और हार्ट ब्लॉक होने से 22 लोगों की मौत हो गई। कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में कानपुर समेत आसपास के जिलों से मरीज आ रहे। वहीं, हैलट, उर्सला, कांशीराम अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक जैसे लक्षणों के रोगी पहुंचे।

कानपुर, अमृत विचार। सर्दी का सितम ब्लड प्रेशर, मधुमेह और दिल के रोगियों पर भारी साबित हो रहा है। गुरुवार को हार्ट अटैक और आर्ट ब्लॉक होने से 22 की मौत हो गई, जबकि ब्रेन स्ट्रोक से तीन ने दम तोड़ दिया। यह मरीज कानपुर समेत आसपास के जिलों से गंभीर हालत में कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट और हैलट अस्पताल पहुंचे थे।

कई मरीज की जान अस्पताल आने से पहले ही चली गई। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हैलट, उर्सला, कांशीराम अस्पताल की इमरजेंसी में ब्रेन स्ट्रोक, बेहोशी और लकवा जैसे लक्षण के कई मरीज आए। उनका इलाज किया जा रहा है। कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। 

हृदय रोग संस्थान के वरिष्ठ हार्ट सर्जन प्रो. राकेश वर्मा ने बताया कि गुरुवार की ओपीडी में 500 से 600 के बीच मरीज आए। यह सामान्य दिनों की ओपीडी से कम है। वहीं इमरजेंसी में काफी संख्या में मरीज पहुंचे। उनमें एन्जाइना पेन, सांस लेने में बेहद तकलीफ, हार्ट अटैक, हार्ट ब्लॉक की समस्या मिली। निदेशक प्रो. विनय कृष्णा के मुताबिक इमरजेंसी में सात मरीजों की मौत हुई है, जबकि 15 ब्रॉड डेड आए थे। यह कानपुर समेत आसपास के जिलों से थे।

उर्सला अस्पताल के निदेशक डॉ. एसपी चौधरी ने बताया कि इमरजेंसी में सांस के रोगी, बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर और ब्रेन स्ट्रोक जैसे लक्षण वाले कई मरीज आए। कुछ को हैलट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में तीन मरीजों की मौत हो गई।

प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या ने बताया कि सर्दी में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामलों को देखते हुए जूनियर डॉक्टरों को अलर्ट कर दिया गया है। स्ट्रेचर और अन्य व्यवस्थाएं सही तरह से रखने के लिए निर्देशित किया गया है।

सर्दी की चपेट में आ रहे बच्चे

अधिक सर्दी पड़ने की वजह से नन्हे मुन्ने बुखार, जुकाम, खांसी, गले में संक्रमण, पसलियां चलने जैसे समस्या की चपेट में आ रहे हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव ने बताया कि पांच साल से छोटे बच्चों में निमोनिया और तेज बुखार की समस्या मिल रही है। उन्हें भर्ती करने की नौबत आ रही है।

कई केस तो ऐसे आ रहे हैं, जिसमें एक ही परिवार के तीन से चार बच्चे बीमार हैं। सभी को सर्दी, जुकाम, खांसी की समस्या है। छोटे बच्चों को नेबुलाइजर कराया जा रहा है। उन्हें सर्दी से बचाकर रखा जाए। गर्म कपड़े पहनाए रखें। घर में अगर किसी को सर्दी या जुकाम है तो बच्चों से दूर ही रहें। 

उल्टी की समस्या हो रही 

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राज तिलक के मुताबिक बच्चों में उल्टी और जी मिचलाने की समस्या भी आ रही है। अत्याधिक जंक फूड, तेल वाला खाना खाने से बच्चों को पेट में संक्रमण भी हो रहा है। सर्दी और कोहरे के कारण खेलकूद नहीं हो पा रहा है। उन्हें संतुलित आहार देने की जरूरत है।

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