मुरादाबाद : अधिकारों की अंधेरगर्दी....संकरी गलियों में बसे संस्थानों को बांटा अनापत्ति प्रमाणपत्र

अफसाने बने अग्निशमन विभाग के कारनामे, खेल पर जिम्मेदारों की चुप्पी, स्थलीय सत्यापन से खुल सकती है पोल

मुरादाबाद : अधिकारों की अंधेरगर्दी....संकरी गलियों में बसे संस्थानों को बांटा अनापत्ति प्रमाणपत्र

कांठ रोड स्थित बहुमंजिला भवन।

मुरादाबाद, अमृत विचार। गगनचुंबी भवनों के निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने वाले अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के निर्णय सुर्खियां बटोर रहीं हैं। यह कदम विभाग के अधिकारी ही नहीं बल्कि कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन उच्चाधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रहा। सभी मूकदर्शक की भूमिका में हैं। ज्वलंत सवालों पर उच्चाधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। 

दो माह में विभाग ने करीब 10 हाई राइज बिल्डिंग को एनओसी दी है। एनओसी हथियाने वाले बिल्डरों में ऐसे नाम शामिल हैं, जिन्हें सार्वजनिक करने में अग्निशमन विभाग कतरा रहा है। विभाग सिर्फ ऐसी सूची आम कर रहा है, जिस पर वर्षों से मुहर लगती रही है। नवंबर माह से पहले एनओसी हासिल करने वाली हाईराइज बिल्डिंग की सूची महज 25 थी। अब एनओसी हासिल करने वालों के नाम में अचानक आई बाढ़ के मायने तलाशे जा रहे हैं। यह इसलिए भी, क्योंकि नवंबर 2022 में जारी नए यूपी फायर एंड इमरजेंसी सर्विस अध्यादेश में एनओसी की प्रक्रिया को शासन ने और सख्त कर दिया है। 

 सख्ती का कारण बिल्डरों की लापरवाही से होने वाली आग की घटनाएं व उसमें अकाल जान गंवाने वालों की बढ़ती तादाद रही। हाईराइज बिल्डिंग में रहने वालों के बीच सरकार एक तरफ जहां सुरक्षा का अहसास कराने की कोशिश में जुटी, तो दूसरी तरफ मुरादाबाद का अग्निशमन विभाग कायदे व कानून की आड़ लेकर खेल में जुट गया। सूत्र बताते हैं कि महज दो माह की एनओसी हासिल करने वाले बिल्डरों के नाम यदि उजागर होते ही पूरे खेल का भंडाफोड़ हो जाएगा।

...तो ऑफलाइन जारी की गई एनओसी
शासन ने अग्निशमन विभाग को आन लाइन एनओसी जारी करने का आदेश दिया है। जबकि सूत्रों का दावा है कि दो माह के भीतर जारी अधिकांश एनओसी ऑफलाइन बांटी गई हैं। हालांकि ऐसे दावों के असल सच का पता तभी चलेगा, जब अग्निशमन विभाग मुंह खोलने को तैयार हो अथवा उच्चाधिकारी प्रकरण का संज्ञान लेकर पूरे मामले की तह तक जाएं। विभाग फिलहाल अपने ही कागजी अभिलेखों पर कुंडली मार कर बैठा है। अधिकारी एनओसी धारकों की नई सूची जारी करने की जहमत मोल लेने को कतई तैयार नहीं हैं। जिससे खेल की आशंकाओं को बल मिलने लगा है।

काम पर लौटे दागी कर्मी
अग्निशमन विभाग में दलालों की चहलकदमी एक बार नए सिरे से शुरू हो गई है। सूत्र बताते हैं कि कारगुजारियों के कारण जिन विभागीय कर्मचारियों के पांव में वर्षों पहले उखड़ चुके थे, वह नए सिरे से सक्रिय हैं। 

बड़े साहब की नहीं सुनते छोटे
पुलिस महकमा व इसके आनुसांगिक संगठनों का खेल भी निराला है। कब कौन सा अफसर किस पर अफसरशाही झाड़ दे और रौब गांठ दे? इसका भी कोई ठिकाना नहीं है। बताया जाता है कि हाल में ही आपात सेवा में शामिल पुलिस के एक आनुसांगिक संगठन के अफसर ने अपने ही बड़े साहब को नियम, कानून व कायदे का पाठ पढ़ा दिया। दरअसल पिकेट, गश्त व पेट्रोलिंग पुलिस की कार्यप्रणाली का एक अहम हिस्सा है। पुलिस के आनुसंगिक संगठन के सीओ स्तर के एक अधिकारी को कुछ दिनों पहले रात के समय जोन स्तर की जांच करने की जिम्मेदारी तय की गई। इसकी भनक लगते ही छोटे साहब भड़क गए। वह सीधे पुलिस के एक बड़े साहब के सामने प्रकट हुए।

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