मुरादाबाद: परम्परा-दो का समापन, संगीत की महफिल से महका टीएमयू का कैंपस

संगीत की यह आखिरी सांझ पद्मश्री डा. सोमा घोष और उनके साथी कलाकारों के रही नाम

मुरादाबाद: परम्परा-दो का समापन, संगीत की महफिल से महका टीएमयू का कैंपस

मुरादाबाद, अमृत विचार। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी का ऑडिटोरियम का मंजर एक घंटे से अधिक समय तक शास्त्रीय संगीत से सराबोर रहा। परम्परा-दो की यह सांझ पद्मश्री डा. सोमा घोष और उनके साथी कलाकारों के नाम रही। शहनाई से राग विहाग की धुन पर हारमोनियम, तबला और घुंघरूओं की संगत पर राग कलावती, छोटा हम्म, बनारस का दादरा, गजल-दादरा की मनमोहनी प्रस्तुतियां संगीत प्रेमियों के दिल और दिमाग में बरसों-बरस समाई रहेंगी। सुर और साज की यह महफिल किसी अविस्मरणीय तोहफे से कम नहीं थी। लगभग डेढ़ घंटे की सांझ को शब्दों में पिरोना मुश्किल-सा है।

 इससे पूर्व टीएमयू के कुलाधिपति सुरेश जैन व छात्र-छात्राओं द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके परम्परा-दो के तृतीय सत्र की शुरूआत की। सांस्कृतिक प्रोग्राम में मुख्य विकास अधिकारी सुमित यादव, एसपी देहात संदीप कुमार मीना एवं समाज सेवी और शिक्षाविद् योगेश जैन बतौर विशिष्ट अतिथि रहे। महफिली दादरा और दमादम मस्त कलंदर की दमदार प्रस्तुति पर श्रोता झूम उठे। डा. सोमा घोष ने णमोकार मंत्र-णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं अरिहन्तों को नमस्कार, श्री सिद्धों को नमस्कार, आचार्यों को नमस्कार गाया तो करतल ध्वनि के बीच पूरा ऑडिटोरियम भगवान महावीर की भक्ति सागर में डूब गया।

 शहनाई पर राग विहाग के साथ तेरे सुर और मेरे गीत दोनों मिलकर बनेंगे गीत, विलंबित ख्याल में गाकर श्रोताओं के दिल के तारों को झकृत कर दिया। राग कलावती में मगन भयो जियरा, पिऊ के आवन की सुध आई, सुनाया तो माहौल पिन ड्राप साइलेंट हो गया, लेकिन जब इसके साथ ही छोटा हम्म जोड़ा तो मुकम्मल ऑडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। डा. सोमा घोष ने श्रोताओं के मूड को भांपते हुए बनारस की दादरा-हमारी अटरिया पे सांवरिया देखा-देखी तनिक हो जाइया और गजल दादरा-इश्क की मार बड़ी बेदर्दी इश्क में जां न फंसइयो जी, गाया तो दर्शक तालियां बजाते हुए झूम उठे। अंत में गजल गायकी के लिए प्रसिद्ध व पद्मश्री डॉ. सोमा घोष को विशिष्ट अतिथि सुमित यादव और कुलाधिपति सुरेश जैन ने पुष्प और शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। 

समापन मौके पर टीएमयू के रजिस्ट्रार डा. आदित्य शर्मा, डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रोफेसर. एमपी सिंह, लॉ कॉलेज के डीन प्रोफेसर. हरबंश दीक्षित, टिमिट निदेशक प्रोफेसर. विपिन जैन, लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर. एसके सिंह, ज्वाइंट रजिस्ट्रार एआरसी प्रोफेसर. निखिल रस्तोगी, फॉर्मेसी के प्राचार्य प्रोफेसर. अनुराग वर्मा व पैरामेडिकल के वाइस प्रिंसिपल प्रोफेसर नवनीत कुमार शामिल रहे।

संगीत देता है मोहब्बत का पैगामः घोष
पद्मश्री डा. सोमा घोष ने कहा कि संगीत के बूते हम सब एक है। संगीत यूनिवर्सल है। हम केवल संगीत से ही एक देश को दूसरे से जोड़ सकते हैं। बाबा उस्ताद बिस्मिल्लाह खां हमेशा कहते थे कि संगीत को लेकर चलोगे तो इंशा अल्लाह दुनिया में कभी झगड़ा नहीं होगा। उन्होंने तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी और ब्रीथिंग आर्ट्स को ऐसे प्रोग्राम्स कराने के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि छात्र हमारा कल हैं उनके लिए बहुत-बहुत प्यार। छात्र ही भारतीय संस्कृति को जीवित रखेंगे। अब शास्त्रीय संगीत को सुनने वाले श्रोता ही नहीं रहे हैं, ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हमें अपनी विरासत आपको सौंपनी होगी। यह हम कलाकारों का फर्ज है।

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