अयोध्या: रामलला के दरबार में प्रसाद वितरण पर लगी रोक !

अयोध्या, अमृत विचार। कार्तिक पूर्णिमा मेले के दौरान एक ओर जहां रामलला का दर्शन-पूजन करने को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। वहीं रामलला के दरबार में प्रसाद वितरण पर रोक लगा दी गई है। कोरोना काल शुरू होने के समय से ही चरणामृत देने पर लगी रोक अभी जारी है। ताजा मामले को …
अयोध्या, अमृत विचार। कार्तिक पूर्णिमा मेले के दौरान एक ओर जहां रामलला का दर्शन-पूजन करने को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। वहीं रामलला के दरबार में प्रसाद वितरण पर रोक लगा दी गई है। कोरोना काल शुरू होने के समय से ही चरणामृत देने पर लगी रोक अभी जारी है। ताजा मामले को लेकर मुख्य पुजारी ने एक बार फिर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास शास्त्री का आरोप है कि परिसर की गतिविधियों से जुड़े गोपालजी ने रामलला के दरबार में मौजूद पुजारी पंडित संतोष तिवारी को रामलला के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद देने से रोक दिया। पुजारी की ओर से प्रतिवाद किया गया कि अभी फिलहाल श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ भी नहीं है और इसको लेकर कोई अव्यवस्था भी नहीं हो रही। बावजूद इसके वह नहीं माने और किसी भी हाल में रामलला के दरबार का प्रसाद किसी भी श्रद्धालु को न देने हिदायत दी।
मुख्य पुजारी का कहना है कि अस्थाई मंदिर से 200 गज दूर ले जाकर कुछ लोगों द्वारा श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जा रहा है। ट्रस्ट की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि समझ में ही नहीं आ रहा कि ट्रस्ट में कितने लोग हैं और उनकी क्या जिम्मेदारी है। जो ही आता है, वही पुजारी के लिए नया फरमान सुना देता है। पता ही नहीं चल पा रहा कि टिन्नू मालिक है कि मिश्रा जी अथवा चंपत राय। मांगने पर प्रसाद नहीं मिल रहा। रामलला के दरबार में भक्त को प्रसाद नहीं मिलेगा तो उनके दिल पर क्या गुजरेगी। सहायक पुजारी संतोष का कहना है कि कोरोना काल के समय ही चरणामृत वितरण पर रोक लगा दी गई थी, जो अब तक जारी है।
व्यवस्था में कुछ बदलाव किया गया होगा : चंपत राय
मामले को लेकर ट्रस्ट महासचिव चंपत राय का कहना है कि अभी उन्हें पूरे मामले की जानकारी नहीं है। वर्तमान में आवश्यकता इस बात की है कि सभी श्रद्धालुओं को व्यवस्थित ढंग से रामलला का प्रसाद कैसे मिले। तमाम अवसरों पर लाख के ऊपर भीड़ होती है। ऐसे में सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद मिल जाए यह महत्वपूर्ण है। इसके लिए अलग से व्यवस्था की गई होगी। संभव है कि इसी को लेकर व्यवस्था में कुछ बदलाव किया गया होगा।
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