बरेली: संक्रमण बढ़ा तो ढीला पड़ा मोहल्लों को सैनेटाइज करने का कार्य
बरेली, अमृत विचार। शहर में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही शहर में सफाई व्यवस्था और सैनेटाइज कराने का काम सुस्त पड़ गया है। इससे शहरवासियों को कोरोना संक्रमण का खतरा और सताने लगा है। नगर निगम के एक कर्मचारी की संक्रमण से मौत होने व कई कर्मचारियों के संक्रमित होने से सफाई व्यवस्था पर …
बरेली, अमृत विचार। शहर में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही शहर में सफाई व्यवस्था और सैनेटाइज कराने का काम सुस्त पड़ गया है। इससे शहरवासियों को कोरोना संक्रमण का खतरा और सताने लगा है। नगर निगम के एक कर्मचारी की संक्रमण से मौत होने व कई कर्मचारियों के संक्रमित होने से सफाई व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। संक्रमण के खौफ से कई जगहों पर कूड़ा उठाने से कर्मचारी कतरा रहे हैं। कर्मचारियों में इतना खौफ है कि उन्हें मालूम पड़ गया कि यह संक्रमित व्यक्ति का घर है तो वहां पर कूड़ा उठाने नहीं जा रहे हैं।
शहर में 33 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। जबकि 850 से अधिक लोग कोरोना संक्रमण के चपेट में आ चुके हैं। इतनी बड़ी तादात में कोरोना संक्रमण का केस बढ़ने के बाद नगर निगम की रफ्तार पहले से काफी धीमी हो गई है। कई ऐसे मोहल्ले हैं, जहां कोरोना संक्रमित व्यक्ति मिले हैं लेकिन सैनेटाइज नहीं कराया गया है। इसके कारण आसपास के क्षेत्रों में भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। जैसे-जैसे शहर में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे सैनेटाइज का काम धीमा होता जा रहा है। जबकि सैनेटाइजेशन का कार्य पहले से और बड़े स्तर पर कराए जाने की जरूरत है।
हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों में नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की जेटिंग मशीन से बाहर-बाहर सैनेटाइजेशन कराया जा रहा है। इस वजह से अंदर संक्रमण का खतरा बना है। वहीं दूसरी तरफ वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन अभियान में लोगों ने ही कर्मचारियों के आने पर रोक लगा दी है तो कुछ कर्मचारी चंद घरों से ही कूड़ा उठा रहे हैं। इसी तरह विकास के काम भी धीमी गति से चल रहे हैं। स्मार्ट सिटी के काम हो या फिर नगर निगम की निधियों से होने वाले कार्य। सब औपचारिकता से हो रहे हैं। अनदेखी की चलते कई वार्डों में गंदगी देखने को मिल रही है।
साथी कर्मचारी की मौत से खौफ में निगम के कर्मचारी
बरेली। नगर निगम के कर्मचारियों के मन में कोरोना संक्रमण का खौफ बैठ गया है। साथी कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने की लगातार संख्या बढ़ रही है। शहर की सफाई व्यवस्था को चकाचक करने के लिए करीब 2600 सफाई कर्मचारी हैं। जबकि अन्य कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या 1203 करीब है। अभी हाल में ही एक कर्मचारी नेता की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। इस गम में डूबे कर्मचारियों के मन में कोरोना का भय घटने की जगह बढ़ रहा है। वार्डों में सफाई व्यवस्था में लगे कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग के सफाई निरीक्षक और सफाई कर्मचारी सबसे अधिक सहमे हुए हैं।
“प्रयास यह है कि सफाई व्यवस्था पर कोई असर न पड़े। इसके लिए कर्मचारियों को सुरक्षा के लिए सभी उपाय नगर निगम कर रहा है। उनको पीपीई किट और दस्ताने दिए गए हैं। कर्मचारियों को मास्क और सैनेटाइजर भी दिया गया है।” -डा. अशोक कुमार, नगर स्वस्थ्य अधिकारी, नगर निगम