असफलता का कोई डर नहीं, मुझे खुद का यह रूप पसंद है: हार्दिक

असफलता का कोई डर नहीं, मुझे खुद का यह रूप पसंद है: हार्दिक

मेलबर्न। हार्दिक पंड्या को कुछ साल पहले कोई अंदाजा नहीं था कि उनका भविष्य क्या होगा लेकिन एक बार असफलता का भय निकल गया तो उन्हें अपना यह स्वरूप पसंद आने लगा। गेंदबाजी फिटनेस हासिल करने के लिये रिहैबिलिटेशन करने के बाद उन्होंने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की और नयी टीम गुजरात टाइटन्स को इंडियन …

मेलबर्न। हार्दिक पंड्या को कुछ साल पहले कोई अंदाजा नहीं था कि उनका भविष्य क्या होगा लेकिन एक बार असफलता का भय निकल गया तो उन्हें अपना यह स्वरूप पसंद आने लगा। गेंदबाजी फिटनेस हासिल करने के लिये रिहैबिलिटेशन करने के बाद उन्होंने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की और नयी टीम गुजरात टाइटन्स को इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब दिलाया और भारत के लिये कुछ महत्वपूर्ण हरफनमौला प्रदर्शन किया। बल्कि इस साल उनके दो सबसे महत्वपूर्ण प्रदर्शन में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ रहे जिसमें उन्होंने खेल के दोनों विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया।

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पंड्या से जब एक समाचार एजेंसी ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ऐसा भी समय था जब मैं नहीं जानता था कि हार्दिक के लिये अगली चीज क्या है। इसलिये मुझे अपनी सोचने की प्रक्रिया में काफी शामिल होना पड़ा और फिर मैंने खुद से पूछा, आप जिंदगी से क्या चाहते हो?  उन्होंने कहा, मैंने असफलता का डर निकाल दिया और आगे क्या होने वाला है या फिर नतीजा क्या होगा, इससे परेशान नहीं होता कि लोग क्या कहेंगे लेकिन मैं लोगों की राय का सम्मान करता। अगर पंड्या को करीब से देखें तो 2018-19 और अब 2022 में उनके रवैये में काफी अंतर दिखता है।

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