डिजिटल विश्वविद्यालय

देश में विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए अगले वर्ष जुलाई से राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय की शुरुआत कर दी जाएगी। यह शैक्षणिक क्षेत्र में प्रगति की ओर एक बड़ा कदम साबित होगा। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत कुछ पाठ्यक्रम कौशल विकास से जुड़े होंगे। रविवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के …
देश में विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए अगले वर्ष जुलाई से राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय की शुरुआत कर दी जाएगी। यह शैक्षणिक क्षेत्र में प्रगति की ओर एक बड़ा कदम साबित होगा। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत कुछ पाठ्यक्रम कौशल विकास से जुड़े होंगे। रविवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा कि डिजिटल विश्वविद्यालय के माध्यम से छात्रों के लिए पढ़ाई करना काफी सरल होगा। इसमें छात्रों को बहु प्रवेश और निकास (मल्टीपल एंट्री और एग्जिट) जैसे विकल्प मिलेंगे तथा अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। यह एक ऐसा विश्वविद्यालय होगा जो छात्रों को कई तरह के पाठ्यक्रम और डिग्री की पढ़ाई ऑनलाइन उपलब्ध कराएगा। जरूरी डिजिटल आधारभूत ढांचे और प्रशिक्षण के वास्ते यह देश के अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम करेगा। 2022-2023 के बजट में डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की गई थी। भारत में उच्च शिक्षा के लिए नवीनतम ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो (जीईआर) लगभग 27 प्रतिशत है|
यानी एक बड़ी आबादी स्नातक डिग्री या रोजगार उन्मुक्त पाठ्यक्रम के लिए नामांकन नहीं करती| डिजिटल विश्वविद्यालय के विचार के पीछे अगले 15 वर्षों में 18-23 आयु वर्ग की आबादी के लिए जीईआर को 50 प्रतिशत तक लाना है| डिजिटल विश्वविद्यालय पढ़ाई, पूरी तरह से ऑनलाइन कराई जाती है| इससे देश के दूर दराज इलाकों में बैठे छात्रों को भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलती है| सरकार की कल्पना राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय में कई शीर्ष विश्वविद्यालयों को जोड़ने की है, जिससे छात्रों को घर बैठे ही एक ही मंच पर कई विश्वविद्यालय के टॉप कोर्स में दाखिला लेने का मौका मिल सकेगा| दुनिया में कई डिजिटल विश्वविद्यालय छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं| विश्वविद्यालयों में वर्तमान प्रवेश प्रणाली, एलिमिनेशन से होती है, जिसमें कटऑफ के नीचे आए छात्र विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं ले पाते| कई अच्छे छात्र अपने 12वीं के स्कोर के आधार पर अपनी पसंद के कॉलेज में प्रवेश पाने में सक्षम नहीं होते| डिजिटल विश्वविद्यालय इस मुद्दे को हल करने में सक्षम होंगे और जिसने भी कक्षा 12 पास की है, वह अपनी पसंद के पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने में सक्षम होगा| भारत में पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी, फरवरी 2021 में केरल में खुल गई थी| वहीं देश की दूसरी डिजिटल यूनिवर्सिटी राजस्थान के जोधपुर में है| राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय देश की शिक्षा व्यवस्था में एक अनोखा और अभूतपूर्व कदम है| डिजिटल एजुकेशन से पढ़ाई सस्ती हो जाएगी और कॉलेजों को इंफ्रास्ट्रक्चर व फैकल्टी पर कम खर्च करना पड़ेगा।