मुरादाबाद : वाह री पुलिस! सौहार्द बिगाड़ने के 26 आरोपियों को सात दिनों में दे दी क्लीन चिट
मुरादाबाद,अमृत विचार। नई परंपरा डालते हुए समाज में शत्रुता, घृणा व वैमनस्यता फैलाने के 16 नामदज समेत 26 आरोपियों को मुकदमा दर्ज करने के महज सात दिन के भीतर मुरादाबाद पुलिस ने क्लीन चिट दे दिया है। पुलिस के अचानक बदले सुर से न सिर्फ खाकी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि अचानक …
मुरादाबाद,अमृत विचार। नई परंपरा डालते हुए समाज में शत्रुता, घृणा व वैमनस्यता फैलाने के 16 नामदज समेत 26 आरोपियों को मुकदमा दर्ज करने के महज सात दिन के भीतर मुरादाबाद पुलिस ने क्लीन चिट दे दिया है। पुलिस के अचानक बदले सुर से न सिर्फ खाकी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि अचानक मुकदमा स्पंच करने की घटना के निहितार्थ भी तलाशे जाने लगे हैं।
छजलैट थाना क्षेत्र के दूल्हेपुर गांव में कोई मस्जिद अथवा मदरसा नहीं है। 24 अगस्त को ग्रामीणों ने तहरीर देकर पुलिस को बताया कि मुसलिम पक्ष के वाहिद पुत्र अली मोहम्मद, अनवार पुत्र फकीरा, मुस्ताकीम पुत्र शौकीन, साईद पुत्र मौहम्मद नूर, जाकिर पुत्र घुट्टन, अलीशेर पुत्र मौहम्मद नूर, रमजानी पुत्र मुंशी, मुस्लिम पुत्र तस्लीम, मौहम्मद अली पुत्र फकीरा ईदा पुत्र लश्करी, हाकामली पुत्र यामीन, हनीफ पुत्र रहमद, शौकीन पुत्र जुम्मा, सलीम पुत्र शौकीन, नूरा पुत्र अनवार, असलम पुत्र अकबर व 10 अज्ञात व्यक्तियों ने निवासी ग्राम दूल्हेपुर ने अनवार पुत्र फकीरा व मुस्ताकीम पुत्र शौकीन के घरों पर जगह बदल- बदलकर सामूहिक नमाज पढ़ी। नमाज में मौलवी तक के शामिल होने का दावा हुआ। घरों में सामूहिक नमाज पढ़े जाने की घटना को ग्रामीणों ने नई परंपरा बताया।
ग्रामीणों के गंभीर आरोप व आपत्ति को जायज मानते हुए तब पुलिस ने उक्त सभी 16 नामजद समेत 26 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। मुकदमे की विवेचना सीओ कांठ को सौंपी गई। सामूहिक नमाज व इस पर आपत्ति का मामला प्रकाश में आते ही सियासतदान भी हरकत में आ गए। मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन ने अपने बयान में पुलिस की कार्रवाई को नाजायज करार दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि गांव में मुसलिम पक्ष मस्जिद का निर्माण कराएगा। प्रकरण के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने तेजी दिखाई।
मंगलवार को एसएसपी हेमंत कुटियाल ने बताया कि सामूहिक नमाज के मामले में जांच पूरी हो चुकी है। जांच में मुसलिम समाज पर लगाए गए ग्रामीणों के आरोप झूठे मिले। सीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने मुकदमा स्पंज करने का आदेश दे दिया। मुकदमा दर्ज होने के महज सात दिनों के भीतर पुलिस द्वारा पूरा प्रकरण कानूनी तौर पर रफा दफा करने की घटना प्रथमदृष्टया गले के नीचे नहीं उतर रही। प्रकरण में पुलिसिया कार्रवाई पर अंगुली उठाई जा रही है। ग्रामीणों में भी रोष है।
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