अयोध्या: कवि स्वप्निल को मिली बड़ी उपलब्धि, काव्य संग्रह पर शोध शुरू

अयोध्या, अमृत विचार। अपनी कविताओं से लोगों का मन मोह लेने वाले स्वप्निल श्रीवास्तव को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। स्वप्निल श्रीवास्तव का काव्य ‘संवेदना और शिल्प’ पर शोध कार्य शुरू हुआ है। इसके शोध छात्र रंजीत कुमार वर्मा हैं और शोध निदेशक साकेत महाविद्यालय के प्रो. अनिल कुमार सिंह हैं। मौखिक परीक्षा इलाहाबाद …
अयोध्या, अमृत विचार। अपनी कविताओं से लोगों का मन मोह लेने वाले स्वप्निल श्रीवास्तव को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। स्वप्निल श्रीवास्तव का काव्य ‘संवेदना और शिल्प’ पर शोध कार्य शुरू हुआ है। इसके शोध छात्र रंजीत कुमार वर्मा हैं और शोध निदेशक साकेत महाविद्यालय के प्रो. अनिल कुमार सिंह हैं। मौखिक परीक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रो. संतोष कुमार भदौरिया ने शनिवार को ली, जिसके बाद शोध कार्य को स्वीकृति दे दी गई।
स्वप्निल श्रीवास्तव को उनकी कविताओं के लिए फिराक, केदार व शमशेर सम्मान के अलावा रूस का अंतरराष्ट्रीय पुश्किन सम्मान से नवाजा जा चुका है। उनकी इस उपलब्धि पर हर तरफ हर्ष का माहौल है। फैजाबाद में रह रहे सिद्धार्थनगर के गांव मेहदौना में जन्मे स्वप्निल प्रदेश सरकार के अधिकारी के रूप में कई जनपदों में तैनात रहे। उनके कविता संग्रह में ईश्वर एक लाठी है, ताख पर दियासलाई, मुझे दूसरी पृथ्वी चाहिए, जिंदगी का मुकदमा, जब तक है जीवन व घड़ी में समय प्रमुख हैं। साथ ही रूसी, अंग्रेजी, नेपाली, बंगाली व पंजाबी के अतिरिक्त कई भाषाओं की कविताओं के अनुवाद में भी माहिर हैं।
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