कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया

कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया

कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया वो लोग बहुत ख़ुश-क़िस्मत थे जो इश्क़ को काम समझते थे या काम से आशिक़ी करते थे हम जीते-जी मसरूफ़ रहे कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया काम इश्क़ के आड़े आता रहा और इश्क़ से काम उलझता रहा फिर आख़िर तंग आ कर हम ने दोनों को अधूरा …

कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया
वो लोग बहुत ख़ुश-क़िस्मत थे

जो इश्क़ को काम समझते थे
या काम से आशिक़ी करते थे

हम जीते-जी मसरूफ़ रहे
कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया

काम इश्क़ के आड़े आता रहा
और इश्क़ से काम उलझता रहा

फिर आख़िर तंग आ कर हम ने
दोनों को अधूरा छोड़ दिया

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़