कानपुर: शासन ने कहा- सदर तहसील में कहीं उपलब्ध कराएं भूमि, 35 हेक्टेयर भूमि की जरूरत

कानपुर: शासन ने कहा- सदर तहसील में कहीं उपलब्ध कराएं भूमि, 35 हेक्टेयर भूमि की जरूरत

कानपुर। रमईपुर गांव में प्रस्तावित मेगा लेदर क्लस्टर परियोजना अब अधर में लटक गई है। वर्षों से ग्राम समाज की सुरक्षित श्रेणी की भूमि से किसानों से ली गई भूमि की अदला- बदली का ख्वाब पाले उद्यमियों को बड़ा झटका लगा है। शासन ने यह कहते हुए उद्यमियों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है …

कानपुर। रमईपुर गांव में प्रस्तावित मेगा लेदर क्लस्टर परियोजना अब अधर में लटक गई है। वर्षों से ग्राम समाज की सुरक्षित श्रेणी की भूमि से किसानों से ली गई भूमि की अदला- बदली का ख्वाब पाले उद्यमियों को बड़ा झटका लगा है।

शासन ने यह कहते हुए उद्यमियों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है कि उनके द्वारा साढ़ गांव में भूमि दी जा रही है जो कि दूसरी तहसील में है ऐसे में सदर तहसील में स्थित ग्राम समाज की भूमि से उसकी अदला- बदली नहीं की जा सकती है। अब उद्यमी परेशान हैं और रमईपुर के आसपास या सदर तहसील क्षेत्र के किसी गांव में किसानों से भूमि खरीदकर नया प्रस्ताव देने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें वे कितना और कब सफल होंगे यह कह पाना कठिन है।

सपा शासन में रमईपुर में 102.258 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मेगा लेदर क्लस्टर स्थापना की योजना बनी थी। तब उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को भूमि उपलब्ध करानी थी। प्राधिकरण ने मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट यूपी लिमिटेड का गठन स्पेशल परपज व्हीकल के तहत किया। प्रशासन से सेन पूरब पारा गांव में ग्राम समाज की 42.02 हेक्टेयर भूमि का पुनर्ग्रहण कराया और उसे कंपनी का दे दिया।

कंपनी ने 22 हेक्टेयर भूमि किसानों से खरीद ली। वहां स्थित 35.238 हेक्टेयर भूमि जो ग्राम समाज की सुरक्षित श्रेणी की थी उसे लेने के लिए कंपनी को उतनी ही मालियत की भूमि सदर तहसील क्षेत्र में देनी थी, लेकिन कंपनी ने नर्वल तहसील क्षेत्र के साढ़ गांव में भूमि खरीद ली और प्रस्ताव भेज दिया।

इस बीच वाणिज्य मंत्रालय से क्लस्टर मंजूर हो गया। प्रस्ताव पर शासन में चर्चा हुई तो उसे खारिज कर दिया गया। कहा गया कि उद्यमी सदर तहसील क्षेत्र में ही कहीं भूमि दें। अब उद्यमियों को इसकी जानकारी दे दी गई है।

भूमि एक्सचेंज करने का प्रस्ताव खारिज हो गया है। अब नए सिरे से प्रस्ताव मांगा गया है। उद्यमी नई जगह भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव देने को तैयार हैं।– राजेश कुमार, एडीएम वित्त एवं राजस्व

  • 125 करोड़ रुपये सुविधाओं के विकास को केंद्र सरकार देगी
  • 50 करोड़ रुपये राज्य सरकार कॉमन फैसिलिटी सेंटर के लिए देगी
  • 200 करोड़ रुपये नमामि गंगे परियोजना के तहत ट्रीटमेंट प्लांट के लिए मिलेगा

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