Sri Lanka : अदाणी समूह के साथ ऊर्जा परियोजना पर नहीं बनी बात, रानिल विक्रमसिंघे ने दिसानायके सरकार बताया जिम्मेदार

Sri Lanka : अदाणी समूह के साथ ऊर्जा परियोजना पर नहीं बनी बात, रानिल विक्रमसिंघे ने दिसानायके सरकार बताया जिम्मेदार

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे

कोलंबो। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि वह भारत के अदाणी समूह की मन्नार नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना पर बात आगे बढ़ाने में विफल रही है। विक्रमसिंघे ने शनिवार को एक टेलीविजन परिचर्चा के दौरान यह बात कही, जिसकी ‘किल्प’ सोमवार को जारी की गई। उन्होंने श्रीलंका के लाभ के लिए भारत के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा कि अपने दो साल के कार्यकाल (2022) के दौरान, मैंने दक्षिण भारत पर केंद्रित आर्थिक ढांचे पर जोर दिया था जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि और व्यापार संबंध शामिल थे। मैंने भारत के साथ आर्थिक सहयोग के कई रास्ते तलाशे। दुर्भाग्यवश, वर्तमान सरकार मन्नार में अदाणी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना को आगे बढ़ाने में विफल रही है। 

उन्होंने कहा कि एनपीपी सरकार का अदाणी हरित ऊर्जा परियोजना पर फिर से बातचीत करने का प्रयास तर्कहीन है और यह भारतीय निवेशों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अदाणी ग्रीन एनर्जी ने 13 फरवरी को श्रीलंका में दो प्रस्तावित पवन ऊर्जा परियोजनाओं से अपना नाम वापस ले लिया था। यह निर्णय राष्ट्रपति दिसानायके के नेतृत्व वाली नयी सरकार द्वारा टैरिफ पर दोबारा बातचीत करने के फैसले के बाद लिया गया। अदाणी समूह को इन परियोजनाओं में कुल एक अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करना था जिनके तहत बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन लाइनें बिछाई जानी थीं। दिसानायके प्रशासन ने इस सौदे की समीक्षा करते हुए बिजली दरों को कम करने का प्रस्ताव रखा था। एनपीपी ने पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान इस परियोजना को रद्द करने की बात कही थी। सत्ता में आने के बाद, एनपीपी कैबिनेट ने इस पर दोबारा बातचीत करने का निर्णय लिया।

 एनपीपी सरकार ने तर्क दिया कि पिछली विक्रमसिंघे सरकार द्वारा तय की गई खरीद कीमत महंगी थी और इसमें भ्रष्टाचार की आशंका थी। इसके जवाब में, अदाणी समूह ने कहा कि उसने इस 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर की परियोजना से सम्मानपूर्वक हटने का फैसला किया है जबकि वह पहले ही इस पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर खर्च कर चुका था। राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि श्रीलंका को ऐसी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए बोलियां मिलीं हैं जिनकी लागत अदाणी के प्रस्तावित 8.26 अमेरिकी प्रति यूनिट की तुलना में आधी है। विक्रमसिंघे के भारतीय निवेशों पर दिए गए बयान को अप्रैल के पहले सप्ताह में प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की श्रीलंका यात्रा के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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