भारतीय वन्यजीव अभ्यारण में चीते ले जाने में जोखिम और अवसर दोनों शामिल : विशेषज्ञ

भारतीय वन्यजीव अभ्यारण में चीते ले जाने में जोखिम और अवसर दोनों शामिल : विशेषज्ञ

जोहानिसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के एक शीर्ष विशेषज्ञ का कहना है कि दक्षिण अफ्रीकी और नामीबियाई चीतों को भारतीय वन्यजीव अभयारण्य में ले जाने की योजनाबद्ध शुरूआत चुनौतियों और अनूठे शोध अवसर से भरी साबित हो सकती है। चीतों को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में ले जाने और इसे जंगल में रखने के मद्देनजर यह …

जोहानिसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के एक शीर्ष विशेषज्ञ का कहना है कि दक्षिण अफ्रीकी और नामीबियाई चीतों को भारतीय वन्यजीव अभयारण्य में ले जाने की योजनाबद्ध शुरूआत चुनौतियों और अनूठे शोध अवसर से भरी साबित हो सकती है। चीतों को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में ले जाने और इसे जंगल में रखने के मद्देनजर यह दुनिया में अपनी तरह की पहली परियोजना है। प्रिटोरिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एड्रियन टॉर्डिफ दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों के साथ-साथ पड़ोसी नामीबिया से कुछ चीतों को 15 अगस्त को भारत भेजने की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा रहे हैं।

चीतों के समूह को मध्य प्रदेश और राजस्थान में लाया जाएगा। दो दशकों से बड़े पैमाने पर चीतों पर अध्ययन कर रहे प्रोफेसर ने कहा कि जैसे ही दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे, उसके अगले ही दिन चीतों को ले जाया जाएगा। चीतों को भारत लाए जाने के दौरान टॉर्डिफ भी दल के साथ यात्रा करेंगे। पिछले महीने, भारत और नामीबिया ने 1952 में देश में विलुप्त घोषित किए गए चीतों की पुन: उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

अधिकारियों के अनुसार, नामीबिया से चार नर और इतने ही मादा चीतों का पहला जत्था 15 अगस्त तक भारत पहुंचेगा। टॉर्डिफ ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका की योजना भारत को तब तक और चीते उपलब्ध कराने की है जब तक कि उनकी उपयुक्त आबादी नहीं हो जाए। उन्होंने कहा कि मेरे अनुमान के मुताबिक, अगले पांच या छह वर्षों में कम से कम 50 या 60 चीते भारत जाएंगे। मैं यह भी अनुमान लगा रहा हूं कि इस शुरुआत से हमारे और हमारे भारतीय समकक्षों के बीच वैज्ञानिक अनुसंधान पर सहयोग बढ़ेगा।

विशेषज्ञ ने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं, जब अन्य प्रजातियों को और देशों में ले जाया गया, जैसे कि यूरोपीय सांड को ब्रिटेन ले जाया जा रहा है, लेकिन यह पहला बड़ा मांसाहारी है जिसे एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में स्थानांतरित किया जा रहा है। दुनिया के 7,000 चीतों में से अधिकांश दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना में पाए जाते हैं। नामीबिया में चीतों की दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है। चीता एकमात्र बड़ा मांसाहारी है जो भारत से पूरी तरह विलुप्त हो गया है।

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