कानपुर : मासिक धर्म बंद होने पर स्वास्थ्य परीक्षण जरूरी, गोष्ठी में महिलाओं को दी गयी जरूरी जानकारी

कानपुर, अमृत विचार। इंडियन सोसाइटी आफ पैरीनैटोलॉजी एंड रिपोप्रोडक्टिव बायोलॉजी सोसाइटी कानपुर की ओर से होटल लैंडमार्क में आयोजित गोष्ठी में मासिक धर्म बंद होने के बाद होने वाली समस्याओं पर चर्चा की गई। महिलाओं को समय- समय पर स्वास्थ्य के परीक्षण की सलाह दी गई। कहा गया कि ऐसी महिलाएं जिनका मासिक धर्म बंद …
कानपुर, अमृत विचार। इंडियन सोसाइटी आफ पैरीनैटोलॉजी एंड रिपोप्रोडक्टिव बायोलॉजी सोसाइटी कानपुर की ओर से होटल लैंडमार्क में आयोजित गोष्ठी में मासिक धर्म बंद होने के बाद होने वाली समस्याओं पर चर्चा की गई। महिलाओं को समय- समय पर स्वास्थ्य के परीक्षण की सलाह दी गई। कहा गया कि ऐसी महिलाएं जिनका मासिक धर्म बंद हो गया है वे भी आइवीएफ और एआरटी तकनीक से बच्चे पैदा कर सकती हैं।
डा. राशि मिश्रा ने कहा कि मासिक धर्म बंद होने के बाद संतान उत्पत्ति होने में दिक्कत है यह भ्रांति है। आइवीएफ और एआरटी तकनीक से अब आपका सपना पूरा हो सकता है। उन्होंने मासिक धर्म बंद होने के बाद होने वाली समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का समाधान है। बस समय- समय पर स्वास्थ्य के परीक्षण कराया जाए। डा. मीरा अग्निहोत्री ने कहा कि मासिक धर्म बंद होने के बाद होने वाली समस्याओं की जानकारी महिलाओं को होनी चाहिए। अध्यक्ष डॉ. नीलम मिश्रा ने कहा कि मासिक धर्म बंद होना जीवन की एक सामान्य एवं जैविक प्रक्रिया है। इसको एक बीमारी के रूप में नहीं लेना चाहिए।
इस दौरान महिलाओं का मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ होना बहुत ही जरूरी है। मसिक धर्म बंद होने के बाद दिल की बीमारी, ऑस्टियोपोरोसिस, मनोरोग, बार- बार मूत्र विसर्जन जैसी बीमारियां हो सकती हैं। विटामिन डी, कैल्शियम, एस्ट्रोजेन्स व्यायाम , सही समय पर भोजन, प्रचुर मात्रा में पेय पदार्थ लेना प्रर्याप्त निद्रा, हरी सब्जी, फल का सेवन कर समस्याओं से बचा जा सकता हैञ डॉ. किरन सिन्हा ने बताया कि मासिक धर्म बंद होने की औसतन उम्र 48 से 51 के बीच में होती है। डॉ. शरद कुमार ने बताया कि इन समस्याओं का समाधान हार्मोन थिरेपी के माध्यम से किया जा सकता है। इस अवसर पर डॉ.विनीता अवस्थी ने भी समस्याओं पर चर्चा की।
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