ऐतिहासिक है आज की तारीख: जानिए, भारत के राष्ट्रपतियों के इतिहास में 25 जुलाई का महत्व

नई दिल्ली। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण की। देश के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमणा ने संसद के केंद्रीय कक्ष में उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के …
नई दिल्ली। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण की। देश के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमणा ने संसद के केंद्रीय कक्ष में उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराया था।
मेरा जन्म तो उस जनजातीय परंपरा में हुआ है जिसने हजारों वर्षों से प्रकृति के साथ ताल-मेल बनाकर जीवन को आगे बढ़ाया है।
मैंने जंगल और जलाशयों के महत्व को अपने जीवन में महसूस किया है।
हम प्रकृति से जरूरी संसाधन लेते हैं और उतनी ही श्रद्धा से प्रकृति की सेवा भी करते हैं।
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 25, 2022
25 जुलाई का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि लगभग सभी भारतीय राष्ट्रपतियों ने बिना किसी लिखित नियम के 25 जुलाई को ही शपथ ली है। हालांकि राजेंद्र प्रसाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, ज़ाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद ने इस दिन शपथ नहीं ली थी।
जगत कल्याण की भावना के साथ, मैं आप सब के विश्वास पर खरा उतरने के लिए पूरी निष्ठा व लगन से काम करने के लिए सदैव तत्पर रहूंगी।
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 25, 2022
संसद भवन के सेंट्रल हॉल में देश की पहली आदिवासी महिला ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेकर इतिहास रच दिया। देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को शपथ ली थी। तब से आज तक जितने भी राष्ट्रपति हुए हैं उन्होंने 25 जुलाई को ही शपथ ली है। द्रौपदी मुर्मू ऐसी 10वीं राष्ट्रपति बनी हैं जिन्होंने 25 जुलाई को पद और गोपनीयता की शपथ ली है।
द्रौपदी मुर्मू ने रचा इतिहास
25 जुलाई का दिन देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया, जब देश की एक आदिवासी महिला ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। द्रौपदी मुर्मू आजादी के बाद जन्म लेने वाली पहली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति बनी हैं। राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के लिए वैसे तो कोई तारीख तय नहीं है फिर भी 1977 के बाद से ऐसा देखा गया है कि निर्धारित प्रोसेस के तहत चुने गए प्रत्येक राष्ट्रपति ने 25 जुलाई को ही पद और गोपनीयता की शपथ ली है।
25 जुलाई का क्या है महत्व?
द्रौपदी मुर्मू से पहले देश में 9 राष्ट्रपति हुए जिन्होंने 25 जुलाई को शपथ ली थी। सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बाद जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद राष्ट्रपति पद पर अपना कार्यकाल नहीं पूरा कर पाए थे। उनके निधन के बाद मध्यावधि चुनाव हुए. देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को शपथ ली थी। नीलम संजीव रेड्डी के वक्त से ही देश में बने सभी राष्ट्रपति 25 जुलाई को ही शपथ लेते रहे हैं। इस तारीख को ही शपथ लेने की एक तरह से अब परंपरा बन गई है।
25 जुलाई को शपथ लेने वाले राष्ट्रपति
द्रौपदी मुर्मू- 25 जुलाई 2022
रामनाथ कोविंद- 25 जुलाई 2017 से 25 जुलाई 2022
प्रणब मुखर्जी- 25 जुलाई 2012 से 25 जुलाई 2017
प्रतिभा पाटिल- 25 जुलाई 2007 से 25 जुलाई 2012
एपीजे अब्दुल कलाम- 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007
केआर नारायणन- 25 जुलाई 1997 से 25 जुलाई 2002
शंकर दयाल शर्मा- 25 जुलाई 1992 से 25 जुलाई 1997
आर वेंकटरमन- 25 जुलाई 1987 से 25 जुलाई 1992
ज्ञानी जैल सिंह- 25 जुलाई 1982 से 25 जुलाई 1987
नीलम संजीव रेड्डी- 25 जुलाई 1977 से 25 जुलाई 1982
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