लखनऊ: विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के गुर सीखने पहुंचे शिक्षक व विद्यार्थी

लखनऊ: विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के गुर सीखने पहुंचे शिक्षक व विद्यार्थी

लखनऊ। राजधानी के भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान व विज्ञान प्रसार के संयुक्त तत्वाधान में 7 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 18 से 24 जुलाई तक चलने वाली विज्ञान संचार और फिल्म निर्माण विषय पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के गुर बताए। दरअसल, जन-जन तक विज्ञान को …

लखनऊ। राजधानी के भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान व विज्ञान प्रसार के संयुक्त तत्वाधान में 7 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 18 से 24 जुलाई तक चलने वाली विज्ञान संचार और फिल्म निर्माण विषय पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के गुर बताए।

दरअसल, जन-जन तक विज्ञान को पहुंचाने के लिए विज्ञान संचार और फिल्म निर्माण विषय पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसमें भारत के विभिन्न क्षेत्रों से कुल 29 उम्मीदवारों (पीजी और पीएचडी छात्रों) का चयन किया गया था। इस कार्यशाला में कई रोचक विषयों को शामिल किया गया, जिसमें वैज्ञानिक लेखन, पत्रिकाओं की कहानियों, दृष्टांतों और फिल्म निर्माण के माध्यम से विज्ञान के प्रचार प्रसार की बात बताई गयी।

भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान के मुख्य वज्ञैनिक डॉ.वी.पी.शर्मा ने बताया कि विज्ञान संचार और फिल्म निर्माण अपने आप में एक अनोखी विधा है,मौजूदा समय में इसकी जरूरत भी है,क्योंकि विज्ञान के प्रचार व प्रसार में इसकी अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि जन-जन तक बात को पहुंचाने के लिए वीडिओ व आडियो एक बेहतर माध्यम है। इसी को लेकर एसीआरबी व विज्ञान प्रसार ने मिलकर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें अलग-अलग परिक्षार्थियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यशाला से बहुत कुछ सीखने को मिला।

इस कार्यशाला में हिस्सा लेने पहुंचे सीतापुर स्थित राजकीय पीजी कालेज महमूदाबाद के असिस्टेंट प्रो.राजेश सोनकर ने बताया कि गोमती नदी का जल दूषित हो रहा है, इसमें रहने वाले जलीय जीव जन्तु के जीवन को गहर संकट पैदा हो गया है। इसके लिए मनुष्य जिम्मेदार है। उन्होंने बताया कि इसी पर उन्होंने एक वीडिया बनाया है। जिसमें जलीय जीवों की समस्या को दर्शाने की कोशिश की गयी है। विद्यार्थी शिवम मौर्या ने बताया कि कठिन विज्ञान को भी सरल तरीके से आम लोगों तक पहुंचाने की विधा इस कार्यशाला में सीखने को मिली है।

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