Ambedkarnagar News : अतिक्रमण हटाने की घटना को राजनीतिक दल पकड़ा रहे हैं तूृल : उपजिलाधिकारी

अजईपुर गांव में बीते शुक्रवार को कक्षा एक की छात्रा अनन्या का दौडक़र अपने घर से किताब निकालने का वीडियो सोसल मीडिया पर खूब बटोर रहा सुर्खियां
Ambedkar Nagar, Amrit Vichar : कोतवाली क्षेत्र के अजईपुर गांव में राममिलन यादव द्वारा नवीन परतीं की भूमि पर कब्जा कर लिया गया था और झोपड़ीनुमा मकान बना रखे थे। शिकायत मिलने पर बीते शुक्रवार को उपजिलाधिकारी जलालपुर पवन कुमार जायसवाल और तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव टीम के साथ गांव पहुंचे। राजस्व विभाग की टीम ने जब जेसीबी से अतिक्रमण हटाने के लिए राम मिलन की गोशाला की ओर बढ़ी तभी छप्पर में आग लग गई। आग लगते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आग देखकर आसपास मौजूद लोग और पुलिस वाले आग बुझाने के लिए दौड़ पड़े। इसी बीच कक्षा एक की छात्रा अनन्या भय के कारण घर से अपनी किताब निकालने लगी। जिसका वीडियो सोसल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
बता दें कि कोतवाली क्षेत्र के अजईपुर गांव में बीते दिवस कक्षा एक की छात्रा अनन्या का दौडक़र अपने घर से किताब निकालने का वीडियो सोसल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है। जिसको राजनीतिक दलों द्वारा हाथों हाथ लिया जा रहा है और इस मामले को धार देने से चूक नहीं रहे हैं। वहीं गांव पहुंचकर संवेदना व्यक्त करने का भी क्रम जारी हो गया है। इस वायरल वीडियो पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर स्थानीय जिला स्तर के विपक्षी नेताओं ने मुख्य घटना से इतर बच्ची के शिक्षा और किताब के प्रेम पर राजनीति शुरू कर दी है। जबकि यह एक सामान्य घटना थी। बच्ची जिस घर के अंदर जाकर अपनी किताबें निकाल रही थी न तो उस पर जेसीबी चल रही थी और न ही उसमें आग लगी थी। बच्ची भय के कारण अपनी किताब निकाल कर जा रही थी। उस वक्त तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव, कोतवाल जलालपुर संतोष कुमार सिंह व महिला सिपाही अमृता सिंह ने सहयोग किया।
सपा सुप्रीमों के ट्वीट के बाद बच्ची की मदद के लिए बढ़े हाथ : सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव के ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में एक प्रशासनिक अधिकारी अपनी शान दिखाने के लिए लोगों की झोपडिय़ां गिरा रहा है और एक बच्ची अपनी किताबें बचाने के लिए भागने पर मजबूर है। यह वही भाजपाई लोग हैं, जो कहते हैं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ। सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद स्थानीय सपा और कांग्रेस नेताओं ने बच्ची की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। सपा नेता सिद्धार्थ मिश्रा ने अनन्या की एमए तक कि पढ़ाई का खर्च उठाने का बीड़ा उठाया है। जबकि वरिष्ठ सपा नेता मनोज काका ने 25 हजार नगद देने की बात कही है। वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार यादव की अगुवाई में जलालपुर प्रशासन से पीडि़त अनन्या के परिजनों से कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने उनके घर पर मुलाकात किया।
जिलाध्यक्ष ने जलालपुर के स्थानीय प्रशासन द्वारा सामंती कार्रवाई की घोर निन्दा करते हुए कहा कि अमीरों का अधिकारियों का घर संवारने के लिए गरीबों का घर ढहाना भाजपा की तानाशाही का प्रत्यक्ष सबूत है। अवैध अतिक्रमण को हटाने की कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। कांग्रेस इस मुद्दे को सदन में उठाएगी। केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व को वस्तु स्थिति की रिपोर्ट जिला कांग्रेस कमेटी भेज रही है।
सपा जिलाध्यक्ष ने बिटिया की पढ़ाई के लिए दिया 50 हजार की आर्थिक सहायता : सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद सपा जिलाध्यक्ष जंग बहादुर यादव ने पार्टी की ओर से शिक्षा की आइकॉन बिटिया अनन्या को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रशाशन को यह याद रखना होगा कि हम इनके हर उत्पीडऩ के खिलाफ, गरीब, मजलूम, पीडि़त लोगों के साथ हर स्तर की लड़ाई लड़ेंगे और सभी के हितों के लिए संघर्ष करते रहेंगे। सपा जिलाध्यक्ष के साथ सिकंदर यादव प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी अधिवक्ता सभा, हैदर अब्बास राष्ट्रीय महासचिव समाजवादी अधिवक्ता सभा, सुभाष राय पूर्व विधायक जलालपुर, अजीत यादव वरिष्ठ अधिवक्ता, डॉ. राजेश सिंह, डॉ. अभिषेक सिंह, संदीप वर्मा, सीमा यादव जिला अध्यक्ष महिला सभा अंबेडकरनगर, अखिलेश यादव विधानसभा अध्यक्ष जलालपुर, श्याम नारायण यादव वरिष्ठ सपा नेता, अजय दुबे अंजू जिला उपाध्यक्ष समाजवादी पार्टी, विपिन बिहारी यादव जिला अध्यक्ष अधिवक्ता सभा, इश्तियाक अहमद समेत अधिवक्ता साथियों के साथ पीडि़त परिवार से भेंट कर कानूनी और आर्थिक मदद का आश्वासन दिया।
उपजिलाधिकारी बोले : अजईपुर की घटना को लेकर विभिन्न सोसल मीडिया प्लेटफार्म पर फर्जी फोटो और वीडियो पोस्ट किए जा रहे हैं। जिसको लेकर उपजिलाधिकारी जलालपुर पवन कुमार जायसवाल ने बताया कि ऐसे लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी और मामले में मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है। उप जिलाधिकारी ने बताया कि घटना को जिस तरीके से उछाला जा रहा है, इसमें सत्यता कुछ और ही है। जहां से बच्ची अपनी किताब निकाल रही है, उस कमरे में कुछ हुआ ही नहीं है, सिर्फ इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।
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