गोंडा: महज शो पीस हैं 4.5 करोड़ की जांच मशीनें, हर रोज हजारों मरीज होते हैं मायूस

गोंडा। गॉवों तक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मुहिम पूरी तरह से धराशायी है। ग्रामीणों को उनके नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज के साथ सभी प्रकार की जांच कराने की सुविधा सरकार ने उपलब्ध करा दी। लेकिन जांच के लिए आईं 12 प्रकार की मशीनें एक साल से परदे में हैं। गोंडा जिले के …
गोंडा। गॉवों तक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मुहिम पूरी तरह से धराशायी है। ग्रामीणों को उनके नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज के साथ सभी प्रकार की जांच कराने की सुविधा सरकार ने उपलब्ध करा दी। लेकिन जांच के लिए आईं 12 प्रकार की मशीनें एक साल से परदे में हैं। गोंडा जिले के 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए करीब साढ़े चार करोड़ रुपये से पैथोलॉजी की मशीनें खरीद कर इंस्टॉल की गई थीं।
संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान व लखनऊ मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की सलाह पर वर्ष 2019-20 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से शासन ने रिपोर्ट मांगी थी। 2020 में शासन ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रक्त जांच के लिए मशीनों को क्रय किया और 2021 में आपूर्ति कर मशीनों को इंस्टॉल करवा दिया।
खून की सभी प्रकार की जांच के लिए हीमोटालोजी 3 पार्ट (एचबी व सीबीसी जांच के लिए ), यूरिन एनालाइजर, इलेक्ट्रोलाइट एनालाइजर, कोग्लोमीटर, सेमी आटो एनालाइजर, ईएसआर एनालाइजर, सेंट्रीफ्यूज, वाटरबाथ, इंक्यूवेटर(नवजात के लिए), माइक्रो स्कोप के अतिरिक्त यूपीएस, फ्रीजर सहित अन्य उपकरणों की आपूर्ति की गयी। इन सभी मशीनों को इंस्टॉल कर जांच के लिए सहमति प्रदान की गई। एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर करीब 30 लाख रुपये सरकार ने खर्च किए कि सीएचसी पर आने वाले मरीजों को मुफ्त में सभी तरह की जांच के लिए भटकना न पड़े।
इस तरह गोंडा में 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मशीनों की आपूर्ति पर साढ़े चार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए। जांच करने के लिए लैब टेक्नीशियनों की तैनाती भी कर दी गई लेकिन जांच के लिए रसायनों (रीजेंट) की खरीद नहीं की गई। रीजेंट खरीद कर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सीएमओ कार्यालय की है लेकिन किसी भी सीएचसी पर रीजेंट नहीं भेजा गया। बताया तो यह भी जाता है कि 2021 में रसायनों की खरीद पर धनराशि खर्च की गई लेकिन ये रसायन सीएचसी पर न जाकर कहाँ भेजा गया इसका जवाब कोई देने को कोई तैयार नहीं है।
कटरा बाजार सीएचसी क्षेत्र के महावीर मिश्रा ने बताया कि केंद्र पर कोई जांच नहीं होती है। यहां डाक्टर जांच लिखते हैं तो निजी पैथोलॉजी में कराना पड़ता है। सीबीसी जांच की कीमत 300 रुपये है। करनैलगंज में रब्बुलनिशा ने टाईफाईड की जांच निजी केंद्र पर करायी, जबकि जांच के लिए मशीन लगी है। रब्बुलनिशा ने बताया कि कुछ दवाएं मिल जाती हैं लेकिन जांच नहीं हो पाती है।
इनसेट
जांच नहीं हुई और रीजेंट खरीद की कराएंगे जांच
अभी कुछ दिन पहले ही तैनाती मिली है। सीएचसी पर जांच नहीं हो रही है यह गंभीर है। रसायनों की उपलब्धता क्यों नहीं हो पाई इसकी जांच कराई जाएगी। तीन दिन में जांच कर व्यवस्था कराई जाएगी… डॉ. रश्मि वर्मा, सीएमओ गोंडा।