शाहजहांपुर: सलाखों में चिप्स-कुरकुरे पाकर खिल उठा बचपन
अमृत विचार, शाहजहांपुर। जिन्होंने कोई गुनाह नहीं किया और न ही उन्हें पता है कि जेल क्या होती है, लेकिन दहेज हत्या, घरेलू हिंसा आदि मामलों में सजा काट रहीं अपनी दादी या मम्मी के साथ कारागार में रहने को मजबूर बच्चों को गुरुवार को जब उनके पसंद की चीजें चिप्स, कुरकुरे, चॉकलेट आदि मिलीं …
अमृत विचार, शाहजहांपुर। जिन्होंने कोई गुनाह नहीं किया और न ही उन्हें पता है कि जेल क्या होती है, लेकिन दहेज हत्या, घरेलू हिंसा आदि मामलों में सजा काट रहीं अपनी दादी या मम्मी के साथ कारागार में रहने को मजबूर बच्चों को गुरुवार को जब उनके पसंद की चीजें चिप्स, कुरकुरे, चॉकलेट आदि मिलीं तो उनका बचपन खिल उठा। कई बच्चों ने अधिकारियों से कहा, थैंक्यू अंकल।
जेल में स्वयंसेवी संगठन व सामाजिक सहयोग से महिला बंदियों व उनके साथ रह रहे मासूम बच्चों एसपी एस. आनंद व एडीएम प्रशासन रामसेवक द्विवेदी के द्वारा साड़ियां, सलवार, सूट और बच्चों को बेबी सूट व फ्राक भेंट किए। सभी बच्चों को उनकी पसंदीदा चिप्स, कुरकुरे, बिस्कुट, चाकलेट भी भेंट किए गए।
सभी महिला बंदी व उनके बच्चों के कपड़े व पसंदीदा खाद्य पदार्थ पाकर चेहरे खिले हुए थे। स्वयंसेवी संगठन के पदाधिकारियों ने निकट भविष्य में गरीब पुरूष बंदियों को भी पहनने के कपड़े भेंट करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर जेल अधीक्षक मिजाजीलाल, जेलर राजेश राय, डिपटी जेलर राजेश कुमार, रामा देवी, सुरेंद्र कुमार गौतम आदि मौजूद रहे। जेल अधीक्षक मिजाजीलाल ने वताया कि शीघ्र ही कारागार में बंदियों के कौशल विकास, पुनर्वास, चिकित्सा, मनोरंजन, योग, प्राणायाम व खेलकूद आदि कार्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे।
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