कार एजेंसियों का मालिक बनकर करता था करोड़ों की ठगी…पूरा मामला पढ़ें

कार एजेंसियों का मालिक बनकर करता था करोड़ों की ठगी…पूरा मामला पढ़ें

अमृत विचार, लखनऊ। कार एजेंसियों व मार्ट के मालिक बनकर व्हाट्सएप व वर्चुअल नम्बर की मदद से धोखाधड़ी कर करोड़ो की ठगी करने वाले गैंग लीडर को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। उसके पास से यूपी एसटीएफ को एक कार, नकदी समेत अन्य दस्तावेज मिले हैं। एसटीएफ के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक …

अमृत विचार, लखनऊ। कार एजेंसियों व मार्ट के मालिक बनकर व्हाट्सएप व वर्चुअल नम्बर की मदद से धोखाधड़ी कर करोड़ो की ठगी करने वाले गैंग लीडर को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। उसके पास से यूपी एसटीएफ को एक कार, नकदी समेत अन्य दस्तावेज मिले हैं।

एसटीएफ के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि कार एजेंसियों के मालिक बनकर कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर थाना बीबीडी में पंजीकृत मुकदमें का सफल अनावरण किया गया था।

गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि नेट बैंकिंग व अन्य माध्यम से विभिन्न बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने का काम तौसीब अहमद करता है। वह वर्चुअल नम्बर से ही गिरोह के संपर्क में रहता है। कभी नार्मल नम्बर इस्तेमाल नहीं करता है। तौसीब की तलाश की जा रही थी।

इसी बीच यूपी एसटीएफ ने गुरुवार की रात तौसीब को पारा थानाक्षेत्र के विक्रमनगर ओवरबिज के पास घेर लिया। पूछताछ में उसने अपनी पहचान हरदोई जनपद के जैदीपुर थानाक्षेत्र के माधवगंज निवासी तौसीब अहमद के रुप में की। हाल पता विक्रम नगर पारा लखनऊ बताया है।

यूपी एसटीएफ को उसके पास एक कार, 6070 रुपये की नगदी, छह मोबाइल व एटीएम कार्ड समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। गैंग लीडर ने कबूला उसने 21 व 23 मई को ओसियन मार्ट अहमदाबाद के मालिक बनकर उसने अपने एकाउंटेट से करोड़ों रुपये एक बैंक खाते में ट्रासफर कराए थे।

जिसके बाद गैंग सदस्यों ने शहर के विभिन्न एटीएम बूथ से कुछ ही मिनट में रुपये निकल लिए थे। ठग ने बताया उसके गैंग में प्रिंस सिंह, सुमित शर्मा, रानू सिंह, निहाल सिंह, राहुल कुमार, पंकज शाह समेत अन्य लोग हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि गैंग सदस्यों को कंपनियों के मालिकों के बैंक खातों के स्टेटमेंट की जानकारी व एकाउंट ऑपरेट करने वाले व्यक्ति के नंबर की जानकारी कैसे हो रही है।

इस संबन्ध में बैंक कर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। मामले में गिरफ्तार आरोपी को बीबीडी कोतवाली में दाखिल कर आगे की कानूनी कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

गूगल व सोशल मीडिया के माध्यम से तलाशते थे शिकार

गैंग लीडर ने बताया कि उसके गैंग का नेटवर्क दिल्ली एनसीआर समेत बिहार तक फैला है। गैंग के सदस्यों द्वारा फर्जी नाम पते पर बैंक खाता खोल जाता। फिर विभिन्न कंपनियों के मालिकों के बारे में गूगल व सोशल मीडिया से जानकरी प्राप्त कर व्हाट्सएप पर उनकी डीपी लगाकर बैकों के मैनेजर,कंपनी के एकाउंटेंट को काल व मैसेज के माध्यम से यह विश्वास दिलाते कि वह कंपनी के मालिक ही हैं। इसके बाद इमरजेंसी होने का झांसा देकर, धोखे से अलग-अलग बैंक खातों में रुपये डलवा लिए जाते।

वहीं जब रुपये बैंक खातों में ट्रासफर हो जाता तब गैंग के सदस्य इंटरनेट बैकिंग के माध्यम से पूर्व से एडेड बेनीफीसरी खातों में रुपये ट्रांसफफर कर देते थे। इसके बाद विभिन्न शहरों के एटीएम पर मौजूद गैंग के सदस्यों द्वारा कुछ की मिनट में रुपये निकाल लिये जाते। आरोपी ने बताया कि अक्टूबर 2021 में रानू व निहाल गुड्डू के साथ मिलकर महिन्द्रा एजेन्सी जयपुर से 49 लाख रुपये की ठगी की थी। मामले में जयपुर पुलिस ने पकड़ कर जेल भेज दिया था।

वहां से जमानत मिलने के बाद जनवरी 2022 में एसआरएम स्मार्ट हुप्स प्रा. लि. (मर्सेडीज वेंज कार एजेंसी लखनऊ) व सुगोइ मोटर्स प्रा.लि. (होंडा कार एजेंसी दिल्ली) से लगभग 76 लाख की ठगी किया था। इस मामले में गिरोह के सदस्य रानू सिंह व आदि जिनको लखनऊ में एटीम से रुपये निकालने के लिए बुलाया था। इस दौरान पुलिस ने रानू को गिरफ्तार कर लिया था।

 

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