लखीमपुर-खीरी: तीन साल से अधूरी पड़ी गौशाला, भूखे मर रहे बेसहारा गौवंश

लखीमपुर-खीरी: तीन साल से अधूरी पड़ी गौशाला, भूखे मर रहे बेसहारा गौवंश

मैलानी-खीरी, अमृत विचार। नगर के निकटवर्ती ग्राम पंचायत सलामत नगर में कान्हा गौशाला तीन साल से बन रही है, जो अधिकारियों की लापरवाही से अभी अधूरी पड़ी है। किसान रात में रखवाली कर फसल नहीं बचा पा रहे हैं। गौशाला में खानापूर्ति के लिए आठ गौवंशीय रखे गए हैं, जिसमें से एक गाय दो दिन …

मैलानी-खीरी, अमृत विचार। नगर के निकटवर्ती ग्राम पंचायत सलामत नगर में कान्हा गौशाला तीन साल से बन रही है, जो अधिकारियों की लापरवाही से अभी अधूरी पड़ी है। किसान रात में रखवाली कर फसल नहीं बचा पा रहे हैं। गौशाला में खानापूर्ति के लिए आठ गौवंशीय रखे गए हैं, जिसमें से एक गाय दो दिन से मरी पड़ी है। दुर्गंध उठने पर जब लोगों ने शिकायत की तब उसे मिट्टी में दफनवा दिया गया है।

ग्राम पंचायत सलावतनगर में मैलानी नगर पंचायत द्वारा कान्हा गौशाला के लिए एक करोड़ 62 लाख रुपये पास हुए थे। उसमें पहली किस्त 82 लाख रुपए की आने पर सिर्फ गौशाला के पिलर ही तैयार हो सके। जहां भूसा भरने के लिए कमरा, पशुओं के पानी भरने के लिए चरही और हरे चारे की भी, कोई व्यवस्था नहीं की गई।

नगर पंचायत द्वारा बनवाए गए गौवंश आश्रय स्थल में आठ गौवंश मौजूद हैं, जिनको सूखा भूसा खिलाया जा रहा है। देखने पर पता चला कि पशुओं के लिए गौशाला में एक बोरी भूसा और आधा बोरी चोकर ही मौजूद है। पशुओं को पीने वाले पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। नगर पंचायत की वाटर सप्लाई से एक टोटी लगा दी गई है। गौशाला में छह पशु काफी दुर्बल हालत में हैं। एक गाय दो दिनों से मृत पड़ी है। मृत पड़ी गाय का एक माह पहले का बछड़ा भी है।

देखभाल कर रहे हैं नगर पंचायत के कर्मचारी वीर सिंह ने बताया कि गाय कल सही थी। सुबह आकर देखा तो गाय मृत मिली। पास पड़ोस के लोगों ने बताया कि गाय दो दिन से मरी पड़ी है, उसको देखने वाला कोई नहीं है। गाय की आंख कौए फोड़ चुके हैं। लोगों का मानना है कि शासन द्वारा 30 रुपया प्रति गौवंश प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता है। फिर भी बेसहारा पशुओं को देखने वाला कोई नहीं है जिससे गोवंश आए दिन मर रहे हैं।

भूूूख प्यास से तड़फ रहा है बछड़ा
गौशाला में गाय की मौत के बाद उसका एक माह का बछड़ा भूख, प्यास से तड़फ रहा है। जब तक गाय जिंदा रही वह बछड़े को किसी तरह दूध पिलाती रही। दो दिन पहले गाय की मौत हो जाने के बाद बछ़डे को खाने के लिए कर्मचारियों ने कोई व्यवस्था की और न ही कोई अधिकारी मौके पर देखने पहुंचा है।

पशु चिकित्सक की लापरवाही आई सामने
कान्हा गौशाला में दो दिन से मरी पड़ी गाय के मामले में पशु चिकित्साधिकारी राजेंद्र प्रसाद की लापरवाही उजागर हुई है। आसपास के लोगों ने बताया कि कई दिन पहले से इस गाय ने चारा छोड़ दिया था। डॉक्टर को सूचना भी दी गई लेकिन न तो स्वयं आए और न ही किसी कर्मचारी को भेजा, जिससे भूख प्यास और इलाज के अभाव में गाय की मौत हो गई।

गाय का कुछ दिन पहले एक्सीडेंट हो गया था। गाय की देखभाल की जा रही थी, गाय अचानक मर गई है। जिसको नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा जमीन में दफन करवा दिया गया है।- बृजेश चौधरी अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत मैलानी।

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