बरेली: चार साल से किसानों को नहीं मिला मुआवजा, आमरण अनशन की चेतावनी

बरेली, अमृत विचार। बड़ा बाईपास का मुआवजा चार साल से किसानों को नहीं मिला है। कई बार आंदोलन करने बाद भी समस्या का हल नहीं हुआ। इससे आहत होकर शनिवार को बड़ी संख्या में किसान पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार के कार्यालय पहुंचे और सात सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। किसानों ने चेतावनी देते …
बरेली, अमृत विचार। बड़ा बाईपास का मुआवजा चार साल से किसानों को नहीं मिला है। कई बार आंदोलन करने बाद भी समस्या का हल नहीं हुआ। इससे आहत होकर शनिवार को बड़ी संख्या में किसान पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार के कार्यालय पहुंचे और सात सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि 20 जून तक अगर उनकी समस्या का निस्तारण नहीं किया जाता है तो वे भारत सेवा ट्रस्ट पर ही अनिश्चितकालीन आमरण अनशन करना शुरू कर देंगे।
किसानों ने बताया कि उनकी अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा प्रशासन द्वारा भेदभावपूर्वक निर्धारित किया गया। जिस वजह से करीब 600 किसानों ने असमानतापूर्ण मुआवजा लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद मुआवजे के संबंध में हुए अन्याय के खिलाफ जल्द न्याय पाने के लिए न्यायालय की शरण में चले गए। इसके बाद जिला प्रशासन के समक्ष एनएचएआई व किसानों के बीच आपसी सुलह-समझौता के द्वारा प्रकरण का निस्तारण किये जाने के लिए प्रस्ताव रखा।
इस पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने लोगों की विवशता को देखते हुए न्यायालय से बाहर आपसी सुलह-समझौता कराए जाने के संबंध में किसानों से न्यायालय में चल रहे मुकदमों को वापस लिए जाने के संबंध में लिखवा लिया। शासन से निर्देश प्राप्त किये जाने की सारी प्रक्रिया पूर्ण कराई। उक्त प्रकरण के निस्तारण के लिए जिला प्रशासन द्वारा कराई गई सारी कार्रवाई वर्ष 2018 में ही पूर्ण हो चुकी है।
वर्ष 2019 में ग्राम कुम्हरा के हाईवे पर चल रहे धरनास्थल पर पहुंचकर समस्या का निस्तारण कराए जाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन, निस्तारण नहीं हो सका है। ज्ञापन देने वालों में शिशुपाल, कालीचरन, धर्मपाल, इसराइल खां, रघुवीर सिंह, पिंकी, रामबेटी, सुशीला, पंचमलाल, विमला, भीमसेन, नेमचंद, इंद्रपाल, राजेश कुमार, मुन्नालाल, लक्ष्मी के अलावा अन्य किसान मौजूद रहे।
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