लखीमपुर-खीरी: दवा के लिए एक रुपया तो आने जाने में खर्च हो रहे हैं सौ रुपये
लखीमपुर-खीरी, अमृतविचार। 500 नए बेड के भवन निर्माण कार्य को लेकर जिला अस्पताल को मोतीपुर में शिफ्ट तो कर दिया लेकिन यहां पर अभी तक मरीजों के इलाज के लिए कोई भी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। एक रुपए की पर्चे पर दवा लेने के लिए मरीजों और उनके तीमारदारों को 100 रुपये तक खर्च करने …
लखीमपुर-खीरी, अमृतविचार। 500 नए बेड के भवन निर्माण कार्य को लेकर जिला अस्पताल को मोतीपुर में शिफ्ट तो कर दिया लेकिन यहां पर अभी तक मरीजों के इलाज के लिए कोई भी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। एक रुपए की पर्चे पर दवा लेने के लिए मरीजों और उनके तीमारदारों को 100 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। वही दवा लेने के लिए पूरा पूरा दिन भी बर्बाद हो रहा है। मोतीपुर के मातृ एवं शिशु विभाग में दवा लेने पहुंचे मरीजों का कहना है कि यहां पर काफी अव्यवस्थाएं फैली हुई है। मोतीपुर में न तो भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू की गई है और न ही मरीजों के ऑपरेशन हो पा रहे हैं। फिलहाल लोगों ने स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों से जल्द ही सुविधाओं में सुधार करने की मांग की है।
गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिले इसको लेकर नेताओं ने जिले में ट्रामा सेंटर के साथ साथ मेडिकल कालेज को मंजूरी दिलायी थी। जिसको लेकर जिला अस्पताल में 500 नये बेड के भवन निर्माण को लेकर ओयल के मोतीपुर मातृ एवं शिशु विभाग में शिफ्ट कर दिया गया है, लेकिन मौजूदा समय में मरीजों को हो रही समस्याओ को कोई भी देखने और सुनने वाला नहीं है। यदि मरीज को दवा लेने के लिए मोतीपुर जाना पडे तो उसे करीब सौ रूपये तक खर्च करने पड़ेंगे।
मरीजों और उनके तीमारदारों को मोतीपुर जाने आने में जहां पूरा का पूरा दिन बर्बाद हो रहा है वहीं मोतीपुर में भी सेवाएं बेहतर तरीके से नहीं मिल पा रही है। वहां पर पहुंचने के बाद मरीजों को ओपीडी से लेकर जांच तक के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मौजूद स्टाफ सभी संसाधन पूरे न होने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लेता है। डाक्टरों का हाल यह है कि वह मरीजों को केवल जुखाम बुखार और रोजमर्रा की बीमारियों की ही दवा दे रहे है। उनका कहना है कि यहां पर अभी मरीजों को भर्ती करने की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।
जिला अस्पताल की इमरजेंसी जब तक नहीं मोतीपुर शिफ्ट होगी, समस्याएं बनी रहेंगी। वहीं दूसरी ओर मरीजोें के इलाज के लिए बिजली भी एक समस्या बनी हुई है। फिलहाल बेहतर इलाज का सपना देख मरीजों और उनके तीमारदार काफी परेशान है। कई बार की शिकायत के बाद भी अधिकारी धृतराष्ट्र की भूमिका निभाते हुए दिखायी दे रहे है।
अभी तक नहीं हो सका निर्बाध बिजली सप्लाई कनेक्शन
जिला अस्पताल को शिफ्ट करने से पहले रोडा बन रही निर्बाध रूप से मिलने वाली बिजली सप्लाई का कनेक्शन अभी तक नहीं दिया गया है। इसमें बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ साथ अस्पताल प्रशासन की हीलाहवाली करता हुआ दिखायी दे रहा है। करीब एक महीने से ज्यादा का समय होने को है लेकिन लचर कार्य प्रणाली के चलते कनेक्शन नहीं मिल पाया है। वहीं कभी कभी भीषण गर्मी के दौरान हुई कटौती से मरीजों के साथ साथ तीमारदार और चिकित्सक भी परेशान हो जाते है। वहीं स्वास्थ्य सेवाएं भी अवरूध हो जाती है।
विकल्प! जिला अस्पताल की इमरजेंसी में डलवाये गये अतिरिक्त बेड
मंगलवार की शाम हुए सडक हादसे में घायल हुए करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों के घायल होने के बाद बेडों की समस्या को देखते हुए रातोंरात अतिरिक्त 10 से 15 बेडों को डवलाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अतिरिक्त बेड उपलब्ध होने से ब्लड चढ़वाने आने वाले मरीजों को भी इसका लाभ मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। फिलहाल मरीजों का कहना है कि अतिरिक्त बेड पडने की वजह से थोड़ी राहत जरूर मिल रही है।
ओयल के मोतीपुर स्थित मातृ एवं शिशु विभाग के निर्बाध रूप से मिलने वाली बिजली सप्लाई को लेकर विद्युत विभाग के अधिकारियों को लिखा गया है। बिजली विभाग के अधिकारी कागजी कार्रवाई पूरी करने में लगे हुए हैं। कहीं पर लापरवाही नहीं बरती जा रही है। जल्द ही मोतीपुर के अस्पताल को निर्बाध रूप से बिजली सप्लाई मिलना शुरू हो जाएगी—मदनलाल, सीएमएस, जिला अस्पताल।
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