हल्द्वानी: चोरी की रिपोर्ट नहीं लिख रही पुलिस, पीड़ित काट रहा चौकी के चक्कर

हल्द्वानी: चोरी की रिपोर्ट नहीं लिख रही पुलिस, पीड़ित काट रहा चौकी के चक्कर

हल्द्वानी,अमृत विचार। हल्द्वानी पुलिस का भी गजब हाल है। एक तरफ डीजीपी से लेकर डीआईजी और एसएसपी लगातार पुलिस और आम जनता के बीच बेहतर संबंध बनाने पर जोर देते हैं तो वहीं थाना-चौकियों की कार्यशैली में बदलाव नहीं आ रहा है। रामपुर रोड से सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के बाहर से बाइक चोरी हो …

हल्द्वानी,अमृत विचार। हल्द्वानी पुलिस का भी गजब हाल है। एक तरफ डीजीपी से लेकर डीआईजी और एसएसपी लगातार पुलिस और आम जनता के बीच बेहतर संबंध बनाने पर जोर देते हैं तो वहीं थाना-चौकियों की कार्यशैली में बदलाव नहीं आ रहा है। रामपुर रोड से सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के बाहर से बाइक चोरी हो गई। पीड़ित पिछले एक माह से पुलिस के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही। पीड़ित रविवार को भी फरियाद लेकर कोतवाली पहुंचा, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई।

वार्ड 56 देवलचौड़ निवासी विनोद गुरुरानी ने बताया कि बीती 9 मई को वह अपनी बाइक संख्या यूके 04 एच 6463 से सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय गए थे। उन्होंने अपनी बाइक अस्पताल के बाहर पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम के बाहर खड़ी की थी और जब आधे घंटे बाद वह लौटा तो बाइक अपनी जगह पर नहीं थी। बाइक तलाश करने के बाद वह शिकायत लेकर मेडिकल चौकी पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस ने विनोद से तहरीर ली और कार्रवाई का भरोसा कर उसे चलता कर दिया। पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज नहीं की, लेकिन जांच जरूर की और जांच के नाम पर पुलिस ने एटीएम के बाहर लगे सीसीटीवी खंगाले, लेकिन सीसीटीवी खराब होने की वजह से घटना के फुटेज पुलिस को नहीं मिले।

इसके बाद से पीड़ित लगातार मेडिकल चौकी पुलिस के चक्कर काट रहा है। रविवार को भी वह रिपोर्ट दर्ज करने की मांग लेकर मेडिकल चौकी पहुंचा। जहां से उसे कोतवाली भेज दिया गया। कोतवाली में भी कार्रवाई का भरोसा देकर चलता कर दिया गया।

चोर मिलते ही दर्ज कर ली जाती है रिपोर्ट
हाल ही में मंगलपड़ाव और जजी कोर्ट के बाहर से दो बाइक चोरी हुईं। इन दोनों ही मामलों में पुलिस ने चोरी की रिपोर्ट तब दर्ज की जब चोर और बाइक दोनों मिल गए। खास बात ये थे कि चोर तक पहुंचने में सीसीटीवी फुटेज पुलिस के काम आए, जबकि विनोद गुरुरानी के मामले में पुलिस को फुटेज नहीं मिले और एक माह गुजर जाने के बाद भी न बाइक मिली और न रिपोर्ट दर्ज हुई।