यूरोपीय संघ की साझा रक्षा नीति को लेकर जनमत संग्रह कराएगा डेनमार्क

कोपेनहेगन। आपसी सहयोग मजबूत करने के यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रयासों के प्रति ऐतिहासक रूप से सशंकित रहे डेनमार्क के मतदाता बुधवार को फैसला करेंगे कि इस गुट (ईयू) की साझा रक्षा नीति से बाहर रहने के देश के तीन दशक पुराने फैसले को त्यागना चाहिए या नहीं। यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर …
कोपेनहेगन। आपसी सहयोग मजबूत करने के यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रयासों के प्रति ऐतिहासक रूप से सशंकित रहे डेनमार्क के मतदाता बुधवार को फैसला करेंगे कि इस गुट (ईयू) की साझा रक्षा नीति से बाहर रहने के देश के तीन दशक पुराने फैसले को त्यागना चाहिए या नहीं। यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर डेनमार्क यूरोप का नया देश है, जो सहयोगियों के बीच नजदीकी संबंध पर विचार कर रहा है।
इसके पहले स्वीडन और फिनलैंड ने नाटो में शामिल होने का ऐतिहासिक प्रयास किया। यूरोपीय संघ की रक्षा नीति को डेनमार्क के अपनाने से यूरोप के सुरक्षा ढांचे पर अपेक्षाकृत कम असर पड़ेगा खासकर स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के मुकाबले। डेनिश इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की शोधकर्ता क्रिस्टीन निसेन ने कहा कि ‘दोनों कदम एक ही कहानी के हिस्से’ हैं, जो महाद्वीप में सैन्य सहयोग को मजबूत करेंगे।
उन्होंने कहा कि गुट से बाहर रहने के फैसले को त्यागने का सबसे प्रमुख असर यह होगा कि डेनिश अधिकारी उस कक्ष में मौजूद रह सकते हैं, जहां यूरोपी संघ के सहयोगी रक्षा मामलों पर चर्चा करते हैं। इसके अलावा डेनिश सेना यूरोपीय संघ के सैन्य अभ्यास में शामिल हो सकेगी। नाटो का संस्थापक सदस्य डेनमार्क अब तक ट्रांस अटलांटिक गठबंधन की तर्ज पर साझा सुरक्षा और रक्षा नीति बनाने के ईयू के प्रयासों से दूर रहा है।
डेनमार्क न्याय एवं गृह मामले, साझा मुद्रा और नागरिकता के मामले में भी ‘यूरोपीय संघ सहयोग’ से दूर रहा। वर्ष 2000 में डेनमार्क के मतदाताओं ने यूरोजोन से बाहर रहने का फैसला लिया। हालांकि, इसके 15 साल बाद मतदाताओं ने न्याय एवं गृह मामलों पर यूरोपीय संघ की नीति अपनाने के पक्ष में फैसला लिया।
लेकिन इस बार ऐसा लगता है कि डेनमार्क के मतदाता साझा रक्षा नीति से बाहर रहने के फैसले को त्याग सकते हैं। रूस द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण के बाद सोशल डेमोक्रेटिक प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने आठ मार्च को जनमत संग्रह का आह्वान किया था। उन्होंने नागरिकों से कहा कि ऐसा करने से हमारी सुरक्षा मजबूत होगी।
ये भी पढ़ें:- मध्यप्रदेश में सड़क हादसा, कार दुर्घटनाग्रस्त होने से तीन लोगों की मौत, तीन घायल