उत्तराखंड: 21 दिन में 56 मौत, चारधाम यात्रा मार्ग में दुश्वारियों के बीच उमड़ रहा श्रद्धालुओं का रेला

उत्तराखंड: 21 दिन में 56 मौत, चारधाम यात्रा मार्ग में दुश्वारियों के बीच उमड़ रहा श्रद्धालुओं का रेला

हल्द्वानी, अमृत विचार। इन दिनों देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जोरशोर से चल रही है। कोरोना काल की वजह से दो साल से यात्रा न हो पाने की वजह से इस बार यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह भी है। हालत यह है कि यात्रा को लेकर सरकारी इंतजाम भी चरमरा गए हैं। …

हल्द्वानी, अमृत विचार। इन दिनों देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जोरशोर से चल रही है। कोरोना काल की वजह से दो साल से यात्रा न हो पाने की वजह से इस बार यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह भी है। हालत यह है कि यात्रा को लेकर सरकारी इंतजाम भी चरमरा गए हैं।

उत्तराखंड के चार धाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री)

वहीं रजिस्ट्रेशन को लेकर दिक्कतों ने भी श्रद्धालुओं को परेशान कर दिया है। इस बीच पिछले तीन सप्ताह में 56 मौतों ने प्रशासनिक इंतजामों पर सवाल खड़े किए हैं। मरने वालों में दो कोविड मरीज भी शामिल हैं। कोविड पॉजिटिव लोगों को चार धाम की यात्रा की इजाजत मिलना कहीं न कहीं सरकार के इंतजामों पर सवाल खड़े कर रहा है। हालांकि सरकार व्यवस्थाएं दुरुस्त होने का दावा कर रही है।

केदारनाथ धाम में कुछ इस तरह लग रहा श्रद्धालुओं का तांता।

उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा का शुभारंभ 3 मई से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुई। 6 मई को केदारनाथ धाम और 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही देश- विदेश के श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचने लगे। कोरोना काल के दो साल के बाद भक्तों के लिए शुरू हुई यात्रा को लेकर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड शासन ने चार धाम यात्रा को लेकर नियमों में ढील दी।

19 मई के आंकड़ों के अनुसार, 48 तीर्थयात्रियों की जान गई थी। इसमें से 46 ऊंचाई के कारण हॉर्ट अटैक से मरे थे। इस बार यमुनोत्री में 16 तीर्थयात्रियों की मौत का अधिकारिक आंकड़ा है। इसमें से 9 ट्रैक मार्ग, 2 मंदिर के पास और 5 सड़क मार्ग पर मरे। बदरीनाथ मंदिर के रास्ते में 9, गंगोत्री में 3 और केदारनाथ के रास्ते में 20 मौत का मामला सामने आया है। वहीं, पिछले दिनों में 8 और तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। चारधाम यात्रा में अब तक 56 लोगों की जान जा चुकी है जिसमें से 54 की मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना पाया गया है।

चार धाम यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं का रेला।

यमुनोत्री हाईवे पर तीन दिनों तक बड़े वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी। बीते बुधवार को रानाचट्टी के पास हाईवे की सुरक्षा दीवार धंस गई थी। किसी तरह इसे आवाजाही लायक बनाया गया, लेकिन हाईवे के फिर धंसने से बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। इससे पालीगाड़ से स्यानाचट्टी तक पांच किमी लंबा जाम लगा रहा। हाईवे बंद होने से रानाचट्टी से यमुनोत्री धाम की ओर सात हजार यात्री फंसे होने की सूचना है।

यमुनोत्री हाईवे पर कुछ इस तरह चल रहा राहत कार्य।

हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि जिन लोगों की मौत हुई है, वे कोविड संक्रमित और अन्य रोगों से ग्रस्त थे। उन्होंने दावा किया कि अब स्थिति नियंत्रण में है। यात्रा के ट्रैक मार्ग के प्रत्येक 500 मीटर पर एक पोर्टेबल ऑक्सीजन सुविधा रखी गई है। केदारनाथ के दो ट्रैक रूटों पर करीब 50 स्वास्थ्य टीमें तैनात हैं। साथ ही आपात स्थिति में किसी भी तीर्थयात्री को एयरलिफ्ट करने और उन्हें श्रीनगर या देहरादून के अस्पताल में लाने के लिए एक एयर एम्बुलेंस भी प्रदान की है।

एसडीएम शालिनी नेगी ने बताया कि एनएच की टीम इस दौरान हाईवे की मरम्मत करेगी। इस दौरान प्रशासन ने यात्रियों को आरपार करवाने के लिए शटल सेवा शुरू की है। रानाचट्टी और स्यानाचट्टी के बीच 15 छोटे वाहन लगाए गए हैं। डामटा से करीब 25 छोटे वाहन लगाए गए हैं। जब तक बड़े वाहनों के लिए हाईवे नहीं खुल जाता यात्रियों को छोटे वाहनों से ही भेजा जाएगा।