इटावा: चंबल नदी के किनारे बकरी चराने गई किशोरी को मगरमच्छ ने बनाया निवाला

इटावा: चंबल नदी के किनारे बकरी चराने गई किशोरी को मगरमच्छ ने बनाया निवाला

इटावा। उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के बढ़पुरा क्षेत्र में गुरूवार को चंबल नदी के किनारे बकरी चराने गयी एक किशोरी पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया और उसे नदी में खींच ले गया। देर शाम तक किशोरी की तलाश की जा रही थी। पुलिस अधीक्षक नगर कपिल देव सिंह ने बताया कि आज पूर्वाहन …

इटावा। उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के बढ़पुरा क्षेत्र में गुरूवार को चंबल नदी के किनारे बकरी चराने गयी एक किशोरी पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया और उसे नदी में खींच ले गया। देर शाम तक किशोरी की तलाश की जा रही थी। पुलिस अधीक्षक नगर कपिल देव सिंह ने बताया कि आज पूर्वाहन खेड़ाअजब सिंह गांव में शीलू (14) अपने पिता के साथ चंबल नदी के किनारे बकरी चराने गयी थी।

शीलू बकरी को पानी पिलाने लगी कि इस दौरान एक मगरमच्छ ने उस पर हमला कर दिया और लड़की को पानी मे खींच ले गया। बेटी को बचाने के लिए पिता ने भी चम्बल नदी में छलांग लगा दी लेकिन मगरमच्छ ने पिता को भी पूंछ मार कर घायल कर दिया। खेड़ा अजब सिंह गांव के प्रधान गब्बर सिंह भदौरिया ने बताया कि मौके पर मौजूद गांव वालों ने मगरमच्छ के चुंगल से लड़की को छुड़ाने के लिए आसपास के ईट पत्थरों को भी मारा लेकिन मगरमच्छ लड़की को पानी की गहराई में खींच कर के ले गया।

घटना की सूचना चम्बल सेंचुरी के अफसरो को दी गयी जिस पर अफसर मोटर बोट लेकर लड़की की खोजबीन में जुट गए लेकिन देर शाम तक लकड़ी का कोई सुराग नही लग सका है। चंबल सेंचुरी में किसी भी शख्स को मगरमच्छ शिकार कर लेने की कोई पहली घटना नही है इससे पहले भी दर्जनों घटनाएं घटी गई जिसके कारण चंबल नदी के किनारे रहने वाले डरे ओर सहमे बने हुए है। चंबल सेंचुरी के डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव का कहना है कि रेहा घाट से लेकर पचनदा तक घडियाल परियोजना चल रही है। इस क्षेत्र में बहने वाली चंबल नदी जलजीवों के लिए आरक्षित है ।

ग्रामीणों व राहगीरों को कई बार हिदायत दी गई है, फिर भी वे नदी के अंदर पहुंचकर जानबूझकर इनका शिकार बन रहे हैं। इस क्षेत्र में पूरी तरह से दिनचर्या पर रोक है। पर्यावरणीय संस्था सोसायटी फार कंजर्वेशन आफ नेचर के सचिव संजीव चौहान का कहना है कि चंबल नदी में लगभग 40 वर्ष तक की उम्र के मगरमच्छ और घडियाल देखे गये हैं। इनका विशालकाय शरीर देखकर ही आम आदमी के होश उड जाते हैं । यदि गहरे पानी में मगरमच्छ को हाथी भी मिल जाए तो शायद वह भी जिंदा नहीं निकल सकता। स्थानीय नागरिको को चाहिए कि चंबल नदी के किनारे भ्रमण के समय ऐतियात बरते।

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