बरेली: ठंडे बस्ते में पड़ी जांच, जिम्मेदारों काे बचाने का प्रयास
बरेली, अमृत विचार। प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना में अपात्रों को आवास दिये जाने के मामले की जांच चल रही है। पांच ब्लाकों की जांच रिपोर्ट आ चुकी है, जबकि 10 अन्य ब्लाकों में अभी भी जांच की जा रही है। चूंकि जांच के दायरे में कई जिम्मेदार आए हैं, शायद इसलिए उन्हें बचाने के लिए …
बरेली, अमृत विचार। प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना में अपात्रों को आवास दिये जाने के मामले की जांच चल रही है। पांच ब्लाकों की जांच रिपोर्ट आ चुकी है, जबकि 10 अन्य ब्लाकों में अभी भी जांच की जा रही है। चूंकि जांच के दायरे में कई जिम्मेदार आए हैं, शायद इसलिए उन्हें बचाने के लिए जांच की गति धीमी कर दी गई है। एक पखवाड़ा बीतने के बाद भी जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियाें को नहीं भेजी गई हैं।
बता दें कि गरीब व असहाय परिवार को आवास दिये जाने में फर्जीवाड़ा किये जाने की शिकायत किये जाने पर उच्चाधिकारियों के आदेश पर जांच शुरू की गई थी। पांच ब्लाकों में हुई जांच में अब तक 400 से अधिक लोग अपात्र पाये जा चुके हैं, जिनके पास चार पहिया वाहन व दो मंजिला घर भी हैं।
ऐसे लोगों से जहां रिकवरी की जा रही है, वहीं दूसरी ओर फर्जी तरीके से लोगों को योजना का लाभ दिये जाने के मामले में करीब 35 विभागीय कर्मचारी भी जांच के दायरे में आए हैं, जिनकी संलिप्तता से ये फर्जीवाड़ा हुआ है। पांच ब्लाकों की जांच रिपोर्ट आने के बाद विभाग में खलबली मची हुई है। खुद को बचाने के लिए कर्मचारी जुगाड़ लगाते नजर आ रहे हैं।
पांच ब्लाकों की रिपोर्ट 15 दिन में आ गई थी, लेकिन बाकी 10 ब्लाकों की जांच रिपोर्ट करीब 20 दिन बाद भी उच्चाधिकारियों के समक्ष पेश नहीं की गई है। जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ रहा है, कई जिम्मेदारों पर तलवार लटकती नजर आ रही है। उधर, सीडीओ चंद्रमोहन गर्ग ने स्पष्ट कहा था कि जांच के दायरे में आने वाले दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। शुरुआती दौर में जांच तेजी से हुई लेकिन, अब इसकी रफ्तार काफी धीमी पड़ गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में धांधली होने की जानकारी हुई है। जांच कराई जा रही है, जो भी गलत पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। —तेजवंत सिंह, परियोजना निदेशक
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