स्वच्छता भारतीय संस्कृति का प्रतीक है : डा. अबुसाद

स्वच्छता भारतीय संस्कृति का प्रतीक है : डा. अबुसाद

रामपुर,अमृत विचार। रजा लाइब्रेरी एवं सूचना अधिकारी ने कहा कि डा.अबुसाद इस्लाही ने कहा कि मानव जीवन मूल्यों में एक मूल्य स्वच्छ रहना भी शामिल है। स्वच्छता भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। भारतीय दर्शन में शरीर, आत्मा, मन, बुद्धि तथा पर्यावरण का शुद्ध रखना मानव जीवन का महत्वपूर्ण कार्य बताया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी …

रामपुर,अमृत विचार। रजा लाइब्रेरी एवं सूचना अधिकारी ने कहा कि डा.अबुसाद इस्लाही ने कहा कि मानव जीवन मूल्यों में एक मूल्य स्वच्छ रहना भी शामिल है। स्वच्छता भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। भारतीय दर्शन में शरीर, आत्मा, मन, बुद्धि तथा पर्यावरण का शुद्ध रखना मानव जीवन का महत्वपूर्ण कार्य बताया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान का आगाज किया है।

शनिवार को लाइब्रेरी में 16 से 30 अप्रैल तक मनाये जाने वाले स्वच्छता पखवाडे़ का आगाज हुआ। इस अवसर पर पूरे पखवाड़े के दौरान संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के गाइड लाइन के अनुसार स्वच्छता से सम्बन्धित विभिन्न गतिविधियों, प्रदर्शनी का आयोजन एवं साफ-सफाई से सम्बन्धित अभियान चलाया जायेगा। इस अवसर पर डा. अबुसाद इस्लाही ने कहा कि वर्तमान में शहरीकरण और औद्योगिकीकरण की प्रक्रियाओं ने कचरे की मात्रा को बढ़ावा दिया है। कचरे या गंदगी का पैदा होना वर्तमान में एक मुख्य समस्या बन गई है।

मानव के द्वारा स्वच्छता रखने में कचरे व गंदगी का निस्तारण तो होता ही है। साथ में अनेक प्रकार की बीमारियों व संक्रामक रोगों से भी मुक्ति मिल जाती है। स्वच्छता से हानिकारक कीट उत्पन्न नहीं हो पाते जिससे बीमारियों के फैलने पर रोक लग जाती है। कहा कि हमें अपने देश को स्वच्छ बनाए रखने के लिए घर से लेकर सार्वजानिक स्थानों तक सर्वत्र स्वच्छ रखना चाहिए। खुले में शौच नहीं करना चाहिए, गंदगी नहीं फैलानी चाहिए। स्वच्छता मानव सभ्यता का एक श्रेष्ठ संस्करण है। स्वच्छता से समस्त पर्यावरण को स्वच्छ रखने की चेतना बढ़ती है।

भारत में स्वच्छता अभियान एक अच्छी योजना है। सुनागरिक होने के नाते हमें स्वच्छता के प्रसार-प्रचार में योगदान करना चाहिए। कहा कि स्वच्छता के अनेक प्रकार हैं। जैसे मन और शरीर की स्वच्छता, घर आंगन की स्वच्छता, पेयजल और भूमि की स्वच्छता, वायुमण्डल और पर्यावरण की स्वच्छता, ये सब स्वच्छता के भेद हैं। महात्मा गांधी ने अपने पत्रों के माध्यम से स्वच्छता के महत्व पर सुन्दर विचार व्यक्त किये थे। इसी आशय से हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ किया है। कहा कि हमारा भी कर्तव्य बनाता है कि इस अभियान में भारत सरकार का पूर्णतः सहयोग करें। इस अवसर पर लाइब्रेरी के कर्मचारी मौजूद रहे।

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