पीलीभीत: 479 गंभीर और 1768 बच्चे आंशिक रूप से निकले कुपोषित

पीलीभीत, अमृत विचार। पोषण पखवाड़ा को लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों पर कराई जा रही शून्य से छह साल तक के बच्चों की जांच चल रही है। जिसमें अति कुपोषित और आंशिक कुपोषित बच्चे सामने आ रहे हैं। इनकी सूची अपलोड कराई जा रही है। जिसके बाद उन्हें सेहमंद बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। कुपोषित बच्चों …
पीलीभीत, अमृत विचार। पोषण पखवाड़ा को लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों पर कराई जा रही शून्य से छह साल तक के बच्चों की जांच चल रही है। जिसमें अति कुपोषित और आंशिक कुपोषित बच्चे सामने आ रहे हैं। इनकी सूची अपलोड कराई जा रही है। जिसके बाद उन्हें सेहमंद बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
कुपोषित बच्चों को सेहतमंद बनाने के लिए वैसे तो पहले से ही तमाम योजनाओं के तहत काम किया जाता रहा है। 21 मार्च से पोषण पखवाड़ा की शुरुआत हो चुकी है। जिसके तहत शून्य से छह साल तक के बच्चों का वजन, लंबाई समेत अन्य बिंदुओं पर जांच आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीम करने में जुटी हुई है। इसका डाटा ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है।
जनपद में इस उम्र के करीब ढाई लाख बच्चे होने का अनुमान है। मगर, विभागीय वेबसाइट के अनुसार संख्या डेढ़ लाख के आसपास है। अभी तक पोषण पखवाड़े के दौरान 15 हजार बच्चों की जांच कराई जा रही है। जिसके तहत कुपोषित बच्चे भी सामने आए हैं। अभी तक 479 अति-कुपोषित और 17678 आंशिक कुपोषित बच्चे मिले हैं। इनकी भी ब्लॉकवार सूची तैयार कराई गई है। अभियान की समाप्ति के बाद इन्हें सेहतमंद बनाने पर काम चालू किया जाएगा।
मरौरी ब्लॉक में सर्वाधिक कुपोषित बच्चे
वजन समेत अन्य बिंदुओं पर अभी तक हुई जांच में सर्वाधिक कुपोषित बच्चे मरौरी ब्लॉक क्षेत्र में निकले हैं। यहां पर 96 अति कुपोषित जबकि 342 आंशिक कुपोषित बच्चे मिल चुके हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर बिलसंडा ब्लॉक में 57 अति कुपोषित और 205 आंशिक कुपोषित बच्चे शामिल हैं।
आंगनबाड़ी की कराई जाएगी ट्रेनिंग
विभागीय अधिकारियों की मानें तो कुपोषित बच्चों को सेहतमंद बनाने के लिए गंभीरता से कदम उठाए जाएंगे। आंगनबाड़ी वर्करों का प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। बच्चों को गोद दिलवाया जाएगा। निगरानी तय कराते हुए पोषाहार किट भी मुहैया कराई जाएगी। यह किट स्वयं सहायता समूहों से ही तैयार कराई जा रही है।
अभी तक 15 हजार बच्चों की जांच हो चुकी है। जिसमें अति कुपोषित और आंशिक कुपोषित बच्चे मिले हैं। उनकी सूची बनाई जा रही है। इसे लेकर आगे ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्हें गोद लेने के साथ ही पोषाहार भी मुहैया कराया जाएगा। —अरविंद कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी
पोषण पखवाड़ा के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर छह साल तक के बच्चों की जांच चल रही है। इसमें अति कुपोषित और आंशिक कुपोषित बच्चे सामने आ रहे हैं। इनकी सूची अपलोड कराई जा रही है। इसके बाद उन्हें सेहमंद बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
कुपोषित बच्चों को सेहतमंद बनाने के लिए 21 मार्च से पोषण पखवाड़ा की शुरुआत हो चुकी है। इसके तहत छह साल तक के बच्चों का वजन, लंबाई समेत अन्य बिंदुओं पर जांच आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीम करने में जुटी हुई है। इसका डाटा ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है। जनपद में इस उम्र के करीब ढाई लाख बच्चे होने का अनुमान है मगर, विभागीय वेबसाइट के अनुसार संख्या डेढ़ लाख के आसपास है। अभी तक पोषण पखवाड़े के दौरान 15 हजार बच्चों की जांच की जा चुकी है। इसमें 479 अति-कुपोषित और 1768 आंशिक कुपोषित बच्चे मिले हैं। इनकी भी ब्लॉकवार सूची तैयार कराई गई है। अभियान की समाप्ति के बाद इन्हें सेहतमंद बनाने पर काम चालू किया जाएगा।
मरौरी ब्लॉक में सर्वाधिक कुपोषित बच्चे
वजन समेत अन्य बिंदुओं पर अभी तक हुई जांच में सर्वाधिक कुपोषित बच्चे मरौरी ब्लॉक क्षेत्र में निकले हैं। यहां पर 96 अति कुपोषित जबकि 342 आंशिक कुपोषित बच्चे मिल चुके हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर बिलसंडा ब्लॉक में 57 अति कुपोषित और 205 आंशिक कुपोषित बच्चे शामिल हैं।
आंगनबाड़ी की कराई जाएगी ट्रेनिंग
विभागीय अधिकारियों की मानें तो कुपोषित बच्चों को सेहतमंद बनाने के लिए गंभीरता से कदम उठाए जाएंगे। आंगनबाड़ी वर्करों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बच्चों को गोद दिलवाया जाएगा। निगरानी तय कराते हुए पोषाहार किट भी मुहैया कराई जाएगी। यह किट स्वयं सहायता समूहों से ही तैयार कराई जा रही है।
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